“Angry Young Man: The Salim-Javed Story” एक ऐसी सीरीज है जो सलीम खान और जावेद अख्तर की ज़िंदगी और उनके अत्यधिक प्रभावशाली करियर को दर्शाती है। यह सीरीज बताती है कि दोनों की मुलाकात कैसे हुई, किस तरह से उन्होंने मिलकर लिखना शुरू किया, और कैसे ‘शोले’, ‘दीवार’, और ‘जंजीर’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं। सलीम-जावेद की मदद से बॉलीवुड को एक अनूठी दिशा मिली, और ऐसी फिल्मों के कारण समाज के विभिन्न सामाजिक पहलू उभरकर सामने आए।
इसी कारण यह जोड़ी दर्शकों के दिल में एक खास जगह बनाने में कामयाब रही, जो आज भी बरकरार है। उनके काम को न केवल सराहा गया, बल्कि वह प्रेरणा का स्रोत भी बना, क्योंकि सलीम-जावेद की जोड़ी ने भारतीय समाज के मुद्दों को उजागर किया और दर्शकों तक रचनात्मक रूप से पहुँचाया। इस वेब सीरीज में सलीम-जावेद के पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को जिस तरह से दर्शाया गया है, उसे बहुत पसंद किया गया है। यह सीरीज न केवल उनकी सफलताओं को उजागर करती है, बल्कि उनके संघर्षों और अंततः उनके परिणामों को भी दिखाती है।
सीरीज में सलीम खान और जावेद अख्तर की पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन के बीच के संबंधों को भी दिखाया गया है। कैसे उनकी दोस्ती और पेशेवर साझेदारी ने उन्हें ऊंचाइयों पर पहुँचाया, और अंततः उनके बीच मतभेदों के कारण उनका अलग होना। यह सीरीज इन दोनों महान लेखकों के संघर्षों और अंततः उनके अलगाव को भी उजागर करती है।उनकी फिल्मों के संवाद और किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं, और नई पीढ़ी के फिल्म निर्माताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं। उदाहरण के लिए, ‘दीवार‘ का वह प्रसिद्ध संवाद “मेरे पास माँ है“, सिनेमा के इतिहास में अमर हो गया है।‘शोले‘ में गब्बर सिंह का चरित्र न केवल एक खलनायक के रूप में याद किया जाता है, बल्कि उसके संवाद जैसे “कितने आदमी थे?” आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं। इस तरह, उनके स्क्रीनप्ले में नाटकीयता और सामाजिक टिप्पणी का अद्भुत संयोजन था।