2024 में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ‘स्पिरिचुअल सीक्वल्स’ का बढ़ता ट्रेंड

Khushboo Parveen
By Khushboo Parveen - Intern
6 Min Read
Bad News
(Image Source: Social Media Sites)

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ‘स्पिरिचुअल सीक्वल्स’ का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इस ट्रेंड में फिल्म निर्माता ऐसी फिल्में बना रहे हैं, जो अपनी पूर्ववर्ती फिल्मों के थीम या शैली के तत्वों को साझा करती हैं, लेकिन उनकी कहानी और किरदार अलग होते हैं। पिछले कुछ सालों में, इस ट्रेंड ने खास पहचान बनाई है, जहां फिल्म निर्माता पहले की हिट फिल्मों के सफल फॉर्मूले को नए तरीकों से पेश कर रहे हैं, लेकिन साथ ही ताजगी भरी नई कहानियाँ भी सामने ला रहे हैं।

‘स्पिरिचुअल सीक्वल्स’ का उदय

इस ट्रेंड का एक उदाहरण फिल्म “बेड न्यूज़” है, जिसमें कहानी उसकी पूर्ववर्ती फिल्म “गुड न्यूज़” से पूरी तरह अलग है, लेकिन इसमें एक समान तत्व—एक मेडिकल मिक्स-अप—शामिल किया गया है, जो फिल्म के प्रमोशन के लिए एक मार्केटेबल कनेक्शन बनाता है। आने वाली फिल्में जैसे “धड़क 2” और “तेरे इश्क में” भी इस ट्रेंड का हिस्सा हैं।

- Advertisement -

“धड़क 2” में एक नई प्रेम कहानी दिखाई जाएगी, जो पहली “धड़क” की रोमांटिक थीम से प्रेरित होगी, जिसमें ऑनर किलिंग्स का मुद्दा उठाया गया था। इसी तरह, “तेरे इश्क में” जिसमें धनुष मुख्य भूमिका निभा रहे हैं और जिसका निर्देशन आनंद एल राय कर रहे हैं, को उनकी 2013 की फिल्म “रांझणा” का स्पिरिचुअल सीक्वल माना जा रहा है, जिसमें धनुष ने एक जुनूनी प्रेमी का किरदार निभाया था।

पारंपरिक सीक्वल्स और स्पिरिचुअल सीक्वल्स में अंतर

यह समझना जरूरी है कि पारंपरिक सीक्वल और स्पिरिचुअल सीक्वल में अंतर होता है। इस पर बात करते हुए आनंद एल राय कहते हैं, “फिर आई हसीन दिलरुबा जैसे सीक्वल में उन किरदारों की कहानी का विस्तार किया जाता है, जबकि शुभ मंगल सीरीज़ में हमने विचारधारा का विस्तार किया।

- Advertisement -

ज्यादा सावधान एक विचारधारा थी, लेकिन सीक्वल में आपके पास एक कहानी होती है।” फिल्म निर्माता ओनिर, जो “वी आर” नामक फिल्म पर काम कर रहे हैं, जिसे उनकी फिल्म “आई एम” का स्पिरिचुअल सीक्वल माना जा रहा है, बताते हैं, “वी आर, सुप्रीम कोर्ट के समलैंगिकता को कानूनी मान्यता देने वाले फैसले को समर्पित है। ये कहानियाँ पहचान का जश्न मनाएंगी। स्पिरिचुअल सीक्वल्स मूल फिल्मों से एक धागे से जुड़े होते हैं, जैसे यहाँ ‘आई एम’ और ‘वी आर’ दोनों स्वतंत्रता के विचार से जुड़े हैं, लेकिन कहानियों और किरदारों के मामले में बहुत अलग हैं।”

रणनीतिक मार्केटिंग का प्रभाव

स्पिरिचुअल सीक्वल्स को सफल बनाने में रणनीतिक मार्केटिंग का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके बारे में बात करते हुए, वरुण गुप्ता, जो मैक्स मार्केटिंग के मालिक हैं, कहते हैं, “फिल्म को स्पिरिचुअल सीक्वल के रूप में मार्केट करना मदद करता है, क्योंकि इससे एक तरह की गारंटी मिलती है—शैली और ब्रांड की—जो पहले वाली फिल्म ने दर्शकों को दी थी।

- Advertisement -

आप पहले से ही उपभोक्ताओं से कह रहे हैं कि ‘यह आपको वही अहसास देगा, जो पिछली फिल्म ने दिया था।’ अगर आप इसे एक बिल्कुल नए ब्रांड के रूप में पेश करते हैं, तो इसे समय लगेगा। लोग नहीं जानते कि क्या उम्मीद करनी है, और आपके टीज़र और ट्रेलर को सिर्फ ऊपरी रूप में ही देखेंगे।”

हालांकि, स्पिरिचुअल सीक्वल्स दर्शकों के साथ सफल अवधारणाओं को फिर से जोड़ने का एक रचनात्मक तरीका पेश करते हैं, लेकिन इसके साथ यह चुनौती भी आती है कि इन्हें अपने पूर्ववर्तियों द्वारा स्थापित उम्मीदों को पूरा या उससे बेहतर करना पड़ता है। गुप्ता उदाहरण देते हुए कहते हैं, “अगर मैं संजय दत्त और अरशद वारसी के साथ किसी फिल्म का प्रचार कर रहा हूँ, तो मुझे आपको यह बताने के लिए शुरुआत से शुरुआत करनी होगी कि यह फिल्म क्या है।

जैसे ही मैं ‘मुन्नाभाई’ कहता हूँ, बहुत सारी बातें मुझे कहने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती। स्पिरिचुअल सीक्वल्स के साथ सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर वे बेहतर नहीं हैं, तो कम से कम उन्हें उम्मीदों के बराबर तो होना ही चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा, “कभी-कभी, सिर्फ मूल फिल्म की सफलता को भुनाने के लिए निर्माता फिल्मों को इस तरह से ब्रांडिंग कर देते हैं। अगर यह मूल के स्तर पर नहीं है, तो यह फ्लॉप हो सकती है। फिर यह सवाल उठता है, क्या यह एक व्यक्तिगत फिल्म के रूप में बिना किसी उम्मीद के काम करती?”

निष्कर्ष

स्पिरिचुअल सीक्वल्स ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक नई दिशा प्रदान की है, जहाँ फिल्म निर्माता सफल अवधारणाओं को नए दृष्टिकोणों के साथ पेश कर रहे हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में उन्हें उन उम्मीदों का सामना करना पड़ता है जो उनके पूर्ववर्तियों द्वारा स्थापित की गई हैं। सही मार्केटिंग रणनीति और गुणवत्ता वाली कहानी के साथ, स्पिरिचुअल सीक्वल्स एक सफल और सृजनात्मक प्रयास हो सकते हैं।

Share This Article
x