किरण राव की ‘लापता लेडीज़’ ने मारी बाज़ी, ऑस्कर 2025 के लिए की आधिकारिक एंट्री

Khushboo Parveen
By Khushboo Parveen - Intern
3 Min Read
Laapataa Ladies
(Image Source: Social Media Sites)

फ़िल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने सोमवार को घोषणा की कि किरण राव की फ़िल्म ‘लापता लेडीज़’ को ऑस्कर 2025 के लिए भारत की आधिकारिक एंट्री के रूप में चुना गया है। इस फ़िल्म को 29 फ़िल्मों की सूची में से चुना गया, जिनमें ‘All We Imagine As Light’, ‘Aattam’ और ‘Kalki 2898 AD’ जैसी चर्चित फ़िल्में शामिल थीं। असमिया निर्देशक जहनू बरुआ की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय जूरी ने सर्वसम्मति से इस फ़िल्म को चुना।

जहनू बरुआ का बयान

फ़िल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की जूरी का नेतृत्व कर रहे जहनू बरुआ ने Indian Express के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि ‘लापता लेडीज़’ को क्यों चुना गया। उन्होंने कहा, “फ़िल्म को भारत के सामाजिक तंत्र और उसकी विशेषताओं को सही ढंग से दर्शाना चाहिए। भारतीयता महत्वपूर्ण है और इस मोर्चे पर ‘लापता लेडीज़’ ने अच्छे अंक हासिल किए।” बरुआ ने यह भी कहा, “जूरी को सबसे उपयुक्त फ़िल्म चुननी होती है, जो भारत का प्रतिनिधित्व कर सके। हो सकता है कि नामांकित 29 फ़िल्मों के बाहर भी एक बेहतर फ़िल्म हो, लेकिन जूरी सिर्फ़ उन्हीं फ़िल्मों में से चुन सकती है, जो उनके पास आई हैं।”

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फ़िल्म की कहानी

‘लापता लेडीज़’ की कहानी 2001 के एक काल्पनिक राज्य निर्मल प्रदेश पर आधारित है, जहां दो दुल्हनों फूल और पुष्पा की किस्मत एक ट्रेन यात्रा के दौरान उलझ जाती है। एक दुल्हन को दूसरे का दूल्हा घर ले जाता है, जबकि दूसरी दुल्हन स्टेशन पर अकेली छूट जाती है। एक पुलिस अधिकारी किशन इस मामले की जांच शुरू करता है। फ़िल्म में प्रमुख भूमिकाओं में प्रतिभा रत्ना, स्पर्श श्रीवास्तव और नितांशी गोयल जैसे नए कलाकार हैं। फ़िल्म को आमिर ख़ान प्रोडक्शंस और किरण राव की काइंडलिंग प्रोडक्शंस के बैनर तले निर्मित किया गया है।

जूरी की प्रशंसा

फ़िल्म फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने अपने बयान में कहा, “भारतीय महिलाएं समर्पण और प्रभुत्व का अनोखा मिश्रण हैं। ‘लापता लेडीज़’ (हिंदी) इस विविधता को एक अर्ध-आदर्श दुनिया में और एक चुटीले अंदाज़ में पेश करती है। यह फ़िल्म दिखाती है कि महिलाएं ख़ुशी-ख़ुशी गृहिणी बनने की इच्छा रख सकती हैं, साथ ही विद्रोह करके उद्यमी भी बन सकती हैं। यह एक ऐसी कहानी है, जिसे बदलाव की आवश्यकता भी कहा जा सकता है और जो बदलाव ला भी सकती है।”

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‘लापता लेडीज़’ की वैश्विक अपील

फ़िल्म की कहानी न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर भी महिलाओं के जीवन से जुड़े संघर्षों और अवसरों को उजागर करती है। यही कारण है कि इसे ऑस्कर जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है।

‘लापता लेडीज़’ ऑस्कर 2025 की दौड़ में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दावेदार है, और इस फ़िल्म की सादगी, भारतीयता और महिलाओं की कहानी को खास तरीके से पेश करने की क्षमता इसे और भी खास बनाती है।

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