Tumbbad: भारतीय सिनेमा का अनोखा रत्न, 30 अगस्त को फिर से सिनेमाघरों में

By Shubham Chauhan - Intern
3 Min Read
(Image Source: Social Media Sites)

भारतीय सिनेमा में जब भी हॉरर और थ्रिलर फिल्मों की बात होती है, तो ‘तुम्बाड’ का नाम विशेष रूप से लिया जाता है। 2018 में रिलीज हुई इस फिल्म ने अपनी अनोखी कहानी, शानदार निर्देशन और बेहतरीन सिनेमाटोग्राफी के साथ दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी थी।

अब, कुछ वर्षों बाद, इस अद्वितीय फिल्म को  फिर से 30 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज किया जा रहा है, जिससे इसके चाहने वालों में उत्साह का माहौल है और फिल्मों के शौकीन इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

तुम्बाड‘ की कहानी महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव पर आधारित है, जो रहस्य और डर से घिरा हुआ है। यह कहानी एक प्राचीन देवता हस्तर और उसके खजाने के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म का हर फ्रेम दर्शकों को पुराने समय की यात्रा पर ले जाता है, जहाँ भूतिया माहौल और डरावने दृश्य रोंगटे खड़े कर देते हैं। फिल्म की सबसे बड़ी खासियत इसकी कहानी और निर्देशन है, जिसे राही अनिल बर्वे ने बहुत ही कुशलता से संभाला है।

सिनेमाघरों में ‘तुम्बाड’ की फिर से रिलीज का मकसद सिर्फ उन दर्शकों तक पहुंचना नहीं है, जिन्होंने इसे अब तक नहीं देखा, बल्कि यह फिल्म प्रेमियों के लिए एक बार फिर से उस माहौल का अनुभव कराने का मौका भी है, जो वे शायद डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नहीं महसूस कर पाए। इसके साथ ही, यह कदम एक संकेत है कि भारतीय सिनेमा में ऐसी फिल्मों की कितनी अहमियत है, जो न सिर्फ एंटरटेन करती हैं, बल्कि एक गहरी और यादगार छाप भी छोड़ती हैं।

फिल्म के अदाकारों की बात करें तो, सोहम शाह ने मुख्य भूमिका में अपने शानदार अभिनय से फिल्म को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। उनका किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया और उनकी अदायगी ने फिल्म की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, फिल्म के अन्य पात्रों ने भी कहानी को मजबूत बनाने में अपनी भूमिका बखूबी निभई।

Tumbbad (तुम्बाड) की फिर से रिलीज़ भारतीय सिनेमा प्रेमियों के लिए एक सुनहरा मौका है, जिससे वे इस अनमोल रत्न का आनंद फिर से बड़े पर्दे पर ले सकें। यह फिल्म न केवल अपने समय की एक बेहतरीन कृति है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा बनी रहेगी।

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