भोजपुरी सिनेमा, जो कभी अपनी पारिवारिक और सांस्कृतिक धरोहर को गानों में समेटे हुए था, अब अक्सर अपने अश्लील गानों की वजह से सुर्खियां बटोर रहा है। आखिर ऐसा क्यों हुआ? इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई? इस पर मशहूर DJ और GrooveNexus के फाउंडर हिमांशु मिश्रा (Himanshu Mishra) ने अपनी राय दी, जो हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देती है।
“हर गाना अश्लील नहीं होता, डिमांड पर निर्भर करता है!”
DJ Himanshu Mishra, जो अपने करियर में कई भोजपुरी गानों से जुड़े रहे हैं, ने कहा, “भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री में आज भी कई ऐसे गाने बनते हैं जो बेहद शानदार हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में अश्लील गानों का ट्रेंड बढ़ा है।”
हिमांशु के अनुसार, इसका मुख्य कारण बदलता दर्शकों का टेस्ट और म्यूजिक इंडस्ट्री में सस्ती लोकप्रियता की होड़ है। उन्होंने कहा, “गानों में कंटेंट कम और विवाद ज्यादा होता है। यह केवल इंडस्ट्री की नहीं, बल्कि हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
कब और कैसे शुरू हुआ अश्लील गानों का चलन?
2000 के दशक की शुरुआत में, भोजपुरी गानों में अश्लीलता का दौर तेजी से बढ़ा। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने गानों की पहुंच को आसान बना दिया, और पॉपुलैरिटी के लिए शॉर्टकट्स अपनाए जाने लगे। हिमांशु बताते हैं, “अच्छे गाने बंद नहीं हुए, लेकिन अश्लील गाने ज्यादा वायरल होने लगे, और यह एक ट्रेंड बन गया।”
DJ के तौर पर अनुभव
अपने DJ करियर के दौरान हिमांशु ने हर तरह के गाने बजाए। वह कहते हैं, “भोजपुरी म्यूजिक की डिमांड ऑडियंस के आधार पर बदलती है। कुछ लोग अच्छे गानों को पसंद करते हैं, जबकि कुछ बोल्ड और मसालेदार गानों के लिए आते हैं। लेकिन हर DJ की जिम्मेदारी होती है कि म्यूजिक के जरिए सकारात्मक माहौल बनाया जाए।”
भविष्य की राह
हिमांशु का मानना है कि भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री को अपने कंटेंट पर फोकस करना होगा। उन्होंने कहा, “अश्लीलता से पॉपुलैरिटी मिल सकती है, लेकिन यह म्यूजिक की पहचान नहीं बन सकती। हमें अपने कल्चर और ऑडियंस की भावनाओं को ध्यान में रखकर गाने बनाने चाहिए।”
भोजपुरी म्यूजिक में सुधार की उम्मीद
DJ Himanshu Mishra जैसे म्यूजिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडस्ट्री में सुधार की पूरी गुंजाइश है। “हमें अच्छे आर्टिस्ट्स और क्वालिटी म्यूजिक को प्रमोट करने की जरूरत है। अगर सही दिशा में काम किया जाए, तो भोजपुरी म्यूजिक अपनी खोई हुई पहचान फिर से हासिल कर सकता है।”
भोजपुरी म्यूजिक फैंस के लिए संदेश
यह समय सोचने का है कि म्यूजिक केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम भी है। अगर इंडस्ट्री अपने मूल्यों पर ध्यान दे, तो यह एक बार फिर अपने सुनहरे दौर को जी सकती है।