Cardano क्या है और यह कैसे काम करता है?

By Editorial Team 79 Views
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आप सब लोग जानते हैं आज के समय में क्रिप्टो करेंसी का बाजार बहुत अधिक चर्चा में बना हुआ है, क्योंकि लोगों ने आज क्रिप्टोकरंसी के जरिए अमीर बनने का बहुत आसान रास्ता समझ लिया है। लेकिन अचानक से दुनिया भर के बहुत से देशों की क्रिप्टो की सख्ती के चलते हुए बिटकॉइन से लेकर बहुत ही क्रिप्टो करेंसी के रेट एकदम से गिर गए हैं।

हालांकि क्रिप्टो करेंसी के रेट कभी तो ऊपर ही जा रहे हैं, लेकिन कुछ क्रिप्टोकरंसी ऐसी हैं. जिनके रेट 2 डालर यानी ₹150 से भी कम के हैं। और उनको अच्छा रिटर्न भी दिया गया है। आज हम आपको एक ऐसी ही क्रिप्टो करेंसी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम है cardano क्रिप्टो करेंसी। आइए जानते हैं cardano क्रिप्टोकरंसी क्या होती है, यह कब शुरू की गई थी, इसके फायदे व नुकसान क्या होते हैं, इन सभी के बारे में जानते हैं…

क्या होता है cardano?

आपकी जानकारी के लिए बता दें cardano एक POS अर्थात प्रूफ ऑफ stake ब्लॉकचेन प्लेटफार्म होता है। इसको peer to peer ट्रांजैक्शन के इस्तेमाल के लिए काम लेते है। cardano को CDA के नाम से भी जाना जाता है। यह cardano ब्लॉकचेन के द्वारा ही लांच किया गया है। cardano को एथेरेम के मुकाबले अधिक अच्छा माना गया है। cardano की शुरुआत ब्लॉकचेन एथेरियम के एक को – फाउंडर चार्ल्स hoskinson के द्वारा हुई थी। इसको 2015 और 2017 में पूरी तरह से लांच किया गया था।

चार्ल्स ने विटालीक के साथ एक छोटे से मतभेद होने की वजह से एथेरियम को तो छोड़ दिया था । क्योकि चार्ल्स वेंचर कैपिटल को एक्सेप्ट करना चाहते थे। ताकि वह एथेरियम से और अधिक प्रॉफिट को कमा सके। लेकिन विटालिक ने इस सब चीज के लिए मना कर दिया था। विटालिक चाहते थे कि इटेरियम एक non-profit ऑर्गेनाइजेशन कंपनी बनी रहे। और इसी के कारण चाटले ने इथेरियम को छोड़ दिया था। इथेरियम को छोड़ने के बाद चाटने विटालिक के साथ एक छोटे से मतभेद होने का कारण इनको ही बनाया था।

History of Cardano coin

Cardano ने अपने स्टार्टिंग से ही फंड इकट्ठा करने के लिए इटालियन कॉइन ऑफरिंग अर्थात ICO का सहारा भी लिया था। ICO का मतलब जब cardano कॉइन लांच हुआ था तो उसको सेल करने से पहले इन्वेस्टर डेवलपर आदि के बीच में यह बट गया था। जिसके बाद इसने अपनी मार्केट कैपिटल $600 मिलियन डॉलर की बना ली थी।

इसके बाद 2017 में इसकी मार्केट कैपिटल $10 बिलियन डॉलर और 2018 में $33 billion-dollar तक पहुँच चुकी थी। जिस प्रकार से मार्केट कैपिटल इसका बढ़ रहा था तो सब को लग रहा था कि आगे चलकर भी इसकी कीमत बहुत अधिक बढ़ने वाली है। लेकिन सन 2018 में आए एक प्रेस के बाद में इस की मार्केट कैपिटल 33 बिलियन डॉलर से घटकर 10 बिलियन डॉलर हो चुकी थी।

Cardano कॉइन मार्केट कॉइन वेबसाइट के ऊपर 2 अक्टूबर 2017 के दिन यह लिस्ट में आया था। जब यह लिस्ट में आया तो इसकी कीमत 1.6 रुपए थी। इसके बाद में इसका पहला उछाल 3 जनवरी 2018 में आया तो इसकी कीमत 68.5 रुपये हो गई थी, लेकिन वापस से इसकी कीमत इतनी हाई होने के बाद में नीचे गिर गई थी।

Total number of Cardano coin

Cardano coin की मैक्सिमम सप्लाई 45000000000 cardano कॉइन होती है। अगर इसको शब्दों में अकाउंट करें तो 45 बिलियन cardano कॉइन होती है। और इसकी टोटल सप्लाई 32704886184 अर्थात 32 बिलियन cardano coin होती है।

Cardano coin के जनक

Cardano कॉइन के आविष्कारक एथेरियम के co फाउंडर चार्ल्स hoskinson थे। चार्ल्स सबसे पहले थेरियम के साथ में ही काम किया करते थे, लेकिन बटालिक के साथ हुए एक मतभेद के कारण इन्होंने एथेरियम को भी छोड़ दिया और cardano को शुरू किया।

Cardano coin कैसे खरीदे

अगर आप प्रेजेंट टाइम में किसी भी प्रकार की क्रिप्टो करेंसी को खरीदना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सबसे पहले एक क्रिप्टो एक्सचेंज की आवश्यकता पड़ती है। उसके बाद आपको कोई भी बिटकॉइन खरीदना हो या फिर बिटकोइन, शीबा इनु कॉइन यह किसी भी प्रकार का कोई न खरीदना हो तो उसके लिए आपको क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज में सबसे पहले रजिस्टर करना होगा। उसके बाद ही आप क्रिप्टो करेंसी खरीद पाएंगे।

अगर हम भारत की बात करें तो यहां पर सबसे अच्छी और सबसे बड़ी क्रिप्टो कॉइन WazirX है। यह दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बाइनेंस का ही एक पार्ट है। जब भी आप किसी भी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज में रजिस्टर्ड करते हो उसके बाद आपको अपने बैंक अकाउंट में पैसा जमा कराने के लिए यूपीआई बैंक ट्रांसफर, पेटीएम आदि का इस्तेमाल करना होगा। पैसे जमा करवाने के बाद सर्च बॉक्स में जाकर ADA को सर्च करना होगा। इस बॉक्स में सबसे ऊपर जो ऑप्शन आएगा। उसको इन पर आपको क्लिक करना होगा। उसके बाद आप अपने बजट के अनुसार cardano कॉइल खरीद सकते हो।

Cardano का लक्ष्य

Cardano के लक्ष्य की बात करे तो इसको तीसरी पीढ़ी की क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है, पहली पीढ़ी क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन को जो कि केवल लेन-देन तक ही सीमित है। दूसरी पीढ़ी क्रिप्टोकरंसी एथेरेम को जो कि इस स्मार्ट कांटेक्ट Dapp पर कार्य करती है, लेकिन इसका उपयोग करना बहुत ही महंगा पड़ता है,लेकिन तीसरी पीढ़ी की क्रिप्टोकरंसी cardano को ही कहा जाता है।

Cardano  लेन देन से लेकर स्मार्ट कांटेक्ट बनाने में उपयोग की जाती है। यह बिटकॉइन और एथेरियम की तुलना में बहुत अधिक तेज है, और कोई भी इसको बड़े आसानी से इस्तेमाल कर सकता है।  क्योंकि ईथेरियम की तरह इसमें ज्यादा फीस भी नहीं देनी पड़ती है। कार्डोनो का मकसद वास्तविक जीवन की समस्या को सॉल्व करना होता है।

 चार्ल्स hoskinson के द्वारा दिए गए अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि इस दुनिया में टेक्नोलॉजी की मदद से है बहुत बदलाव लाना चाहते हैं। इससे पर्यावरण, शिक्षा, जैसी बड़ी समस्याओं का समाधान हो सके। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि वह यहां प्रॉफिट कमाने के लिए नहीं है। उन्होंने इथोपिया की सरकार के साथ मिलकर वहां की शिक्षा प्रणाली को सुधार लाने का काम भी किया है। इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर में भी सुधार लाने का काम देख कर रहे हैं। इस तरह से वह अन्य प्रोजेक्ट जिनपर cardano काम कर रहा है।

 cardano लोगों को बहुत अधिक भरोसा है। इसकी वजह से 71% से अधिक लोगों ने तो cardano को होल्ड करके भी रखा हुआ है। एक प्रमुख कारण है कि सभी लोगों को कार्डोनो प्रोजेक्ट पर पूरा भरोसा है। उनको यह भी लगता है कि यह लंबे समय में उनको वापस रिटर्न भी कर देगा।

Cardano coin का भविष्य

बहुत सारे अनुमान और बुद्धिमान ट्रेडर्स के अनुसार जिस तरह के कानूनों को इनके प्रोजेक्ट होते हैं और इनकी पार्टनरशिप इंटीग्रेशन की वजह से ऐसा भविष्य में हो सकता है कि इसकी कीमत भविष्य में $100तक जा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि आने वाले 5 सालों में ADA $100 डॉलर तक पहुंच जाएगा।

Cardano कैसे काम करता है?

Cardano कॉइन proof of stack पर कार्य करता है। जिसको ouroboros consensus mechanism कहते है। proof of work  में माइनिंग करने के लिए बहुत इलेक्ट्रिक सिटी की जरूरत पड़ती है। जिससे कि पर्यावरण को भी बहुत हानि पहुंचती है। अगर हम बात करें प्रूफ to stack की तो इसमें आपके पास जितने कॉइन होंगे उतना ही मौका आपको माइनिंग करने का मिल जाएगा। cardano की प्लेयर्स को दो हिस्सों में बांटा गया है.

  • Cardano settlement layer ( CSL)
  • Cardano computing layer ( CCL)

जिस तरह से लेनदेन का कार्य cardano  में होता है, CSL layer खाता बुक की तरह उन सभी लेनदेन की जानकारी रखता है।जहां पर ouroboros consensus mechanism कौन सा भी ट्रांजैक्शन को वेरीफाई करता है।

वही दूसरी तरफ CCL एक बहुत महत्वपूर्ण layer होती है। जो blockchain को पावर देती है। यह पावर इसलिए देती है ताकि उस पर स्मार्ट कांटेक्ट आसानी से कार्य कर सके। इसके साथ इस चेन की सुरक्षा भी हो जाती है।

Conclusion

आज हमने आपको what is cardano coin, how does it work. के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई होगी। इससे जुड़ी अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए या समस्या के लिए आप हमारे कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं।

FAQs

cardano coin की रैंक क्या है?

नम्बर 3

cardano को कितने हिस्सों में बांटा गया है?

CCL व CSL

cardano coin के संस्थापक कौन है?

चार्ल्स hoskinson

क्या cardano  coin को भारत मे भी खरीदा जा सकता है?

जी हां

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