Marketing Funnel को लेकर काफी डिबेट चलती रहती हैं जैसेकि इस का स्वामित्व किसके पास हैं, क्या ये मार्केटिंग हैं या सेल्स हैं और क्या ये आज के ग्राहकों के लिए काम करेगा।
Marketing Funnel के बारें में ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनके बारें में आपको पता होना चाहिए, और आज आपकों इस बारें में जानने को मिलेगा। वो आपको हाल में ही मार्केटिंग के लिए हुए बदलावों एवं चैलेंज के बारे में भी बताएंगे। आज आपकों बताया जाएगा कि कैसे आप B2C और B2B बिजनेस के लिए horn का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके अलावा कैसे Funnel को ज्यादा लीड प्राप्त करने के लिए Turned किया जा सकता हैं और ये भी बताया जाएगा कि किस प्रकार Funnel का इस्तेमाल Nonlinear तरीके से हो सकता हैं।
जब भी कोई आपसे कुछ चीज खरीदता हैं तो वो Funnel के द्वारा जाता हैं
Marketing Funnel एक ऐसी तस्वीर हैं जो आपकों ये समझने में मदद करती हैं कि मार्केटिंग एवं सेल्स के नजरिए से leads को कस्टमर में बदला जा सकता हैं। सुझाव ये हैं कि Funnel की तरह मार्केटर्स एक बड़ा जाल बिछाते हैं कि जिससे जितनी ज्यादा लीड संभव हो वो उन्हें प्राप्त हो सकें। फिर वो धीरे-धीरे संभावित ग्राहकों को buying process के बारें में समझाते हैं और सभी कैंडिडेट्स को funnel की हर स्टेज पर कम करते जाते हैं।
जब आप पैसा बनाना चाहते हैं, आप इस funnel को मार्केटिंग सिलिंडर में बनाना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपकी सभी लीड आपके कस्टमर बन जाए। businesses ऐसा नहीं कर सकते हैं लेकिन जितनी हो सके उतनी लीड को कस्टमर में बदलना एक marketer की जॉब का हिस्सा होता हैं जो Funnel को ज्यादा Cylindrical बनाता हैं।
Marketing Funnel में अलग-अलग स्टेज होती हैं और सेल्स के अलग-अलग प्रकार होते हैं
Awareness:- ये मार्केटिंग funnel में आखिरी स्टेप होता हैं जो Awareness कहलाता हैं। marketing campaign और consumer research एंड डिस्कवरी का इस्तेमाल लोगों को इस स्टेज पर लाने के लिए किया जाता हैं। विश्वास और thought leadership को बनाने के कई तरीके हैं जैसेकि एडवरटाइजिंग, ट्रेड शो, कंटेंट (ब्लॉग पोस्ट्स और इन्फोग्राफिक्स), webinar, direct mail, viral campaign, सोशल मीडिया, सर्च, मीडिया attention इत्यादि। विश्वास और Thought-Leadership इन चीजों के द्वारा बनाई जाती हैं। जब जानकरी एकत्रित की जाती हैं और leads को लीड मैनेजमेंट सिस्टम में मूव किया जाता हैं जिसके बाद लीड को generate किया जाता हैं। उसके बाद उन सभी leads को Funnel में nurture किया जाता हैं।
लीड बन जाने के बाद अगला चरण उन्हें कंपनी और उनके प्रोडक्ट में interested करने का आता हैं, और कोई भी सहायक जानकारी या रिसर्च उन्हें दिखानी होती हैं। ये brands के लिए उनके lead database में मौजूद लोगों के साथ रिलेशनशिप बनाने के लिए अच्छा समय होता हैं और वो उन लोगों को बता सकते हैं कि वो क्या कर सकते हैं। Marketers अपने lead के साथ संपर्क में रहने के लिए ईमेल, क्लासेज, newsletter और भी बहुत सी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जब leads qualified information में बदल जाती हैं तो उन्हें संभावित कस्टमर के रूप में देखा जाता हैं। वो उनके साथ संपर्क में रहने के लिए personalized कंटेंट, केस स्टडीज, फ्री ट्रायल इत्यादि का इस्तेमाल करते हैं।
Intent:- Prospect को उन्हें ये दिखाना होता हैं कि वो ब्रांड के प्रोडक्ट को खरीदना चाहते हैं और ऐसा करने से वो Intent stage पर पहुंच जाते हैं। ऐसी चीजें प्रोडक्ट डेमो के बाद होती हैं, जब कोई प्रोडक्ट किसी eCommerce वेबसाइट के शॉपिंग कार्ट में add होती हैं या जब कोई सर्वे भरा जाता हैं।
Evaluation:- इस पॉइंट तक buyers अपना मन बना चुके होंगे कि किसी ब्रांड के प्रॉडक्ट या सर्विस को लेना हैं या नहीं। जब कोई किसी प्रोडक्ट को खरीदते हैं तो मार्केटिंग और सेल्स आमतौर पर एक साथ काम करते हैं ताकि वो उन लोगों को ये इस बात के लिए संतुष्ट कर सकें कि उनके ब्रांड के प्रोडक्ट सबसे बेहतरीन हैं।
When You Buy:- आप यहां पर हैं। जब कोई व्यक्ति कंपनी से कुछ खरीदने के लिए तैयार हो जाता हैं तो वो मार्केटिंग funnel के आखिरी स्टेप से गुजरते हैं। यहीं पर सेल्स , सेल का ध्यान रखते हैं। एक अच्छा अनुभव मार्केटिंग funnel को motivate करने के लिए कई referrals ला सकता हैं और वो प्रोसेस फिर एक बार शुरू हो जाता हैं।
B2C और B2B Funnels में मुख्य अंतर क्या हैं?
- ज्यादातर B2C ग्राहक Funnel के द्वारा अपने आप जाते हैं या फिर अपने दोस्तों या रिश्तेदारों की सलाह पर जाते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ B2B कस्टमर के पास विशाल cross-department buying group होता हैं। एक ग्रुप में B2B प्रोडक्टस खरीदने वालों की औसतन संख्या 5.4 होती हैं।
- B2C Customers आमतौर पर कंपनी के प्रतिधिनित्व से इंटरैक्ट नहीं करते हैं, खासकर eCommerce वेबसाइट पर। तो वहीं दूसरी तरफ B2B कस्टमर्स आमतौर पर सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के साथ संपर्क में रहते हैं।
Marketing और Selling में मुख्य अंतर Owning the Funnel का हैं।
Marketing और Sales की दुनिया मे इस बात को लेकर काफी विवाद रहता हैं कि कौन Funnel को Own करता हैं।
एक पक्ष का कहना हैं कि लोग किसी चीज को खरीदने का निर्णय अब डिजिटल कंटेंट के द्वारा लेने लगें हैं। जिसका परिणाम ये हुआ हैं कि marketers, Funnel के लिए ज्यादा जिम्मेदारी उठाने लगें हैं जबकि वो लगातार प्रॉस्पेक्ट को purchasing process के द्वारा nurture करते हैं। नीचे दिए गए diagram को ध्यान से देखिए और जानिए कि किस प्रकार मार्केटिंग और सेल्स Funnel के चार्ज में है वो भी पिछले कुछ सालों से।
Customer Experience Funnel is Shown
जैसाकि आपने देखा कि हमनें Customer Experience Funnel के जरूरी हिस्सों को बताया है।
अब अगले चरण में आपकों अपने कस्टमर को रिपीट कस्टमर बनाना हैं। इसका मतलब ये होगा कि आपका Customer Retention बढेगा और आप उन्हें ज्यादा से ज्यादा और बड़ी चीजें खरीदने के लिए बढ़ावा दे सकेंगे। Marketers Funnel के bottom में ये काम करते रहते हैं ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा खरीद सकें।
Loyalty:- लॉयल्टी स्टेज में Customer ब्रांड को पसंद करना शुरू कर देता हैं और उनके बारें में इस प्रकार सोचने लगता हैं जैसेकि वो खुद उसके प्रोडक्ट हैं। लोगों को ब्रांड के साथ engaged होने की जरूरत होती हैं और marketers इसमें कम्युनिटी बनाकर, लोगों को हायर करके और लोगों तक पहुंच कर मदद करते हैं।
Customer लॉयल्टी उन्हें ज्यादा बिजनेस रेफरल्स देने के अवसर बनाती हैं और उसी ब्रांड के प्रोडक्ट्स को दोस्तों एवं रिश्तेदार को बताते हैं।
Advocacy:- अगर आप चाहते हैं कि आपकें कस्टमर आपके पास वापस आते रहें तो आपकों अपने ग्राहकों को अपना फैन बनाना होगा। अपने आप को Evangelist बनाने के बहुत से तरीके होते हैं। आप प्रोडक्ट के रिव्यु लिख सकते हैं, उनके बारें में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं इत्यादि।
Influence:- ऐसा कोई बाहरी endorsement जो आपके बिजनेज़ से जुड़ा हुआ नहीं हो, वो काफी प्रभावशाली होता हैं। Marketers अपनी कम्युनिटी को बनाने के लिए काम करते हैं ताकि advocates उनका अच्छे से साथ दे पाएं। उन्हें केस स्टडीज में भाग लेने के लिए कहिए या उनसे सोशल मीडिया पर Customer-generated कंटेंट पर बात करिए।
निष्कर्ष
Google Analytics के पास Funnel है और मैंने पहले उनके बारें में लिखा हुआ हैं। ये एक सीधा तरीका हैं ये देखने के लिए कि prospect आपसे प्रोडक्ट खरीदने से पहले क्या देखना चाहते हैं। इस बात का ध्यान रखिये कि आपने Signed-In किया हो। उसके बाद Admin>Goals>+New Goal>Choose a Goal पर क्लिक कीजिए और अपने Google Analytics के लिए goal सुनिश्चित कीजिये और आखिर में सेव पर क्लिक कीजिये।