Backlink क्या है? | ब्लॉग के लिए Backlinks कैसे पाएं

Rohit Mehta
By Rohit Mehta 85 Views
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backlinks

ये टॉपिक आपके लिए बहुत इंटेररेस्टिंग होने वाला है यहाँ  में आप सब को बैकलिंक बनाने के कुछ जाना पहचाना और कुछ अनजान टिप्स बताने वाला हूँ।

बैकलिंक किसी भी साइट या ब्लॉग के लिए बहुत जरुरी है। आर्गेनिक ट्रैफिक लाने और साथ ही आपके ब्लॉग या साइट का DA PA बढ़ाने में बैकलिंक एक अहम् भूमिका अदा करता है।

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बैकलिंक क्या होता ये बताने की जरुरत तो नहीं है, फिर भी उन लोगो के लिए जो अभी भी इसके बारे में नहीं जानते है, मैं थोड़ा सा इसको परिभाषित कर देता हूँ।

बैकलिंक क्या होता है?

सरल भाषा में बताऊ तो बैकलिंक एक तरह का रेफेरेंस है ,जो दूसरी साइट के दवारा आपकी साइट को दिया जाता है। ये एक लिंक के फॉर्मेट में होता है जो आपके साइट के लिए सर्च इंजिन की नजर में रेफेरेंस का काम करता है।

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आपकी साइट की बैकलिंक जितनी ज्यादा मजबूत होगी, आपके आर्टिकल को सर्च इंजिन में रैंक करने में उतनी ही आसानी होगी। फिर चाहे आपका कंटेंट कितना भी अच्छा हो अगर आपके पास बैकलिंक की कमी है, तो आपके उस ब्लॉग को रैंक करनवाने में दिकत हो सकती है। गूगल या किसी भी सर्च इंजिन के एल्गोरिदम के हिसाब से बैकलिंक किसी भी साइट को रैंक करवाने या फिर यु कहे आर्गेनिक ट्रैफिक लाने मे एक अहम् भूमिका अदा करता है।

आपने ब्लॉग को सर्च इंजिन में रैंक करवाना हर ब्लॉगर और interpreter का सपना होता है।

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बैकलिंक हमेसा सही साइट से बैकलिंक ले स्पैमिंग साइट से दूर रहे।

बैकलिंक कितने तरह के होते है ?

अब आप ये जान गए है की बैकलिंक क्या होता है। अपनी साइट के लिंक बैकलिंक बनाना शुरू करने से पहले, आपको ये जानना अति आवश्यक है की बैकलिंक कितने तरह के होते है।

किस तरह की बैकलिंक आपके साइट के लिए जादा कारगर होगी।  बहुत से लोगों को मैंने देखा है वो बस बैकलिंक बनाना जानते है। किस तरह के बैकलिंक से फायदा जादा होता है ये नहीं जानते।

मैं, चाहता हूँ आप पहले इसके बारे में जन ले।

1. Dofollow Backlinks

ये बैकलिंक का बनाने का सबसे अच्छा तरीका है। आपके पास जीतने जादा dofollow बैकलिंक होंगे, आपके साइट के उतना ही बेहतर होगा।

जब कोई A वेबसाईट B वेबसाईट को dofollow बैकलिंक देती है, तो इसका मतलब वेबसाइट A गूगल सर्च एंजिन को ये बताता है की साइट B भरोसे का है।

दूसरे शब्दों में कहे तो जब सर्च इंजिन साइट A पे जाके उस लिंक को पढ़ता है। तो साथ ही साथ वो आपके साइट पे भी उस लिंक के जरिए आता है।

जो की आपकी साइट की वैल्यू बढ़ाने में कारगर साबित होता है।

Ex : <a href=”https://www.example.com” Link to Example.com</a>

2. Nofollow Backlinks

जी है, बिल्कुल आप जो सोच रहे है वो सही है। Nofollow लिंक में गूगल के ये बताया जाता है , की दूसरी साइट भरोसे मंद नहीं है।

 जब कोई A वेबसाईट B वेबसाईट को nofollow बैकलिंक देती है, तो गूगल उस लिंक को फॉलो कर के आपके साइट पे नहीं आता है।

मतलब लिंक देने वाली साइट ये नहीं बताती की आप इसपे भरोसा कर सकते है। ऐसे बैकलिंक से आपकी साइट की वैल्यू बनना मुसकिल हो जाता है।

Ex : <a href=”https://www.example.com”  rel=”nofollow> Link to Example.com</a>

3. Noreferrer Backlinks

ये एक तरह का dofollow लिंक होता है। लेकिन इसमे लिंक देनी वाली साइट गूगल को दूसरी साइटे को फॉलो करने को नहीं बोलती है।

Ex : <a href=”https://www.example.com”  rel=”noreferrer> Link to Example.com</a>

4. Noopener Backlinks

इस लिंक का उपयोग वॉर्डप्रेस में जादा कर के किया जाता है। noopener का मतलब होता है जब कोई उस लिंक पे क्लिक करे तो वो लिंक दूसरे टैब में खुले।

ये सुरक्षा के नजरिए में भी सही होता है। इसलिए नए टैब में किसी लिंक को खोलने के लिए इसका इस्तेमाल करते है।

Ex : <a href=”https://www.example.com”  rel=”noopener”> Link to Example.com</a>

Backlinks बनने के तरीके

1. गेस्ट पोस्टिंग: हमेसा अथॉरिटी साइट पे गेस्ट पोस्ट करें जहा से आपको अच्छी बैकलिंक मिले जो आपके साइट को बढ़ावा दे सके।

2. कमेंट और रिव्यु: बहुत सारे आपको अच्छे साइट मिल जायेगे जहा आपको कमेंट या प्रोडक्ट का रिव्यु सबमिट करने ऑप्शन मिल जाता है। आपको उन साइट को खोजना है जो आपके नीच से सम्बंधित हो और गेस्ट कमेंट लेता हो। वहा जाकर आपको एक अच्छा सा रिव्यु या कमेंट लिखना है और एंकर टेक्स्ट में अपने ब्लॉग का लिंक देना है।

3. बुकमार्क सबमिशन: बुकमार्क आपके एंकर टेक्स्ट कीवर्ड पे दिया गया लिंक होता है, जो न तो किसी ब्लॉग के अंदर होता है और न ही किसी कमेंट में। ये बुकमार्क आम तौर पर साइट के साइडबार वाले पेज में होता है। इस तरह की साइट का भी आप उपयोग कर सकते है बैकलिंक के लिए।

4. इमेज सबमिशन: गेस्ट पोस्ट की तरह ही इमेज सबमिट करने की भी बहुत से साइट होती है, जहा आप अपना इमेज अपलोड कर सकते है तथा उस इमेज पे आपने लिंक भी ऐड कर सकते है।

5. पीडीऍफ़ सबमिशन: फाइल शेयरिंग वेबसाइट के ऊपर आप पीडीऍफ़ सबमिशन कर सकते है और आपने लिंक देकर बैकलिंक ले सकते है।

6. पीपीटी सबमिशन: आपने प्रोडक्ट या वेबसाइट को विसुअल रूप से पीपीटी के रूप में बना कर सबमिट किया जाता है जो पीपीटी सबमिशन कहलाता है।

7. डायरेक्टरी सबमिशन: बहुत से ओपन डायरेक्टरी भी इंटरनेट पे मिल जायगे जहा पे आप अपने बिज़नेस की जानकारी सबमिट कर सकते है और बैकलिंक ले सकते है।

8. इन्फोग्राफिक: इमेज सबमिशन की तरह ही इन्फोग्राफिक भी बहुत इफेक्टिव है, बैकलिंक के लिए आप गूगल इमेजेज जैसे साइट पे आपने इन्फोग्राफिक सबमिट कर सकते है। जिस से आपको अच्छा रिजल्ट्स मिलता मिल जाता है।

9. ब्रोकन लिंक: ये तरीका बहुत ही कारगर तरीका है बैकलिंक के लिए, इसलिए आपको हमेशा इस तरह के साइट को खोजना होता है। जब किसी साइट दे  द्वारा किसी दुरसे साइट या ब्लॉग पर दिया जाता ओर वो साइटया ब्लॉग किसी भी कारण से बंद हो जाता है, तो उस साइट या ब्लॉग पर दिया गाया लिंक को ब्रोकन लिंक बोलते है। ऐसे लिंक को आपको खोजना है और फिर उस लिंक को लेने के लिए मेल के जरिये साइट के मालिक से संपर्क करे।  आपका लिखने का तरीका जितना अच्छा होगा उतना ही जादा लिंक मिलने की उमीद होगी।

10. एक्सचेंज: बैकलिंक बनाने का ये तरीका भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाता है, इसमें होता क्या है जैसे आप किसी साइट को बैकलिंक दे रहे है तो उस साइट का मालिक आपने साइट से एक बैकलिंक आपको देता है। मतलब बैकलिंक का आदान-प्रदान होता है , लेकिन मैं आपको सलाह देना चाहूँगा इसका उपयोग ज्यादा न करे नहीं तो गूगल आपको स्पैम कर सकता है।

ऊपर बताये गए सभी 10 तरीके का इस्तेमाल आप अपने साइट का बैकलिंक बनने में कर सकते है। बस आपको ये देखना होगा की आप जिस भी साइट पे बैकलिंक बना रहे है वो साइट कितनी ऑथेंटिक है, और कही उसका स्पैम स्कोर तो जायदा नहीं है।

अंत में ..

जरुरी नहीं है बैकलिंक बनाने के लिए फ्री तरीके ही हमेशा ढूंढे, पेड बैकलिंक भी आप ले सकते है। पेड बैकलिंक जब आप अपनी Niche की अथॉरिटी वेबसाइट से लेते है तो आपके 10 फ्री बैकलिंक के बराबर वैल्यू एक बैकलिंक दे जाता है। बैकलिंक बनाने में बिकुल ही स्मार्ट तरीका का इस्तेमाल करे जो आपको अच्छा रिजल्ट लेकर दे।

आपके बैकलिंक से ही आपके DA का भी वैल्यू बढ़ता है और आपकी साइट एक ऑथेंटिक साइट के रूप में सर्च इंजिन की नजर में आती जाती है।  जिससे साइट रैंकिंग में सुधर हो जाता है और आपका आर्टिकल रैंक भी हो जाता।

आशा करता हूँ बैकलिंक से संबंधित आपके सभी सवाल हाल हो गए होंगे। आगर आपको कुछ और जानना है है तो नीचे कमेन्ट बॉक्स में पुच सकते है।

धन्यवाद

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