What Is SEO? | SEO के विभिन्न प्रकार क्या है?

Rohit Mehta
By Rohit Mehta 84 Views
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what is SEO

पहले हमें ये जानना बहुत जरूरी है की आखिर ये असल में होता क्या ? आपने आज तक ये बहुत बार पढ़ा होगा की search engine optimization क्या होता है। आज के डिजिटल मार्केट की बात करें तो जिस साइट का SEO अच्छा नहीं है वो साइट रैंक नहीं कर पाता है। आप अपने साइट पे कितना भी अच्छा कंटेन्ट लिखते हो, अगर SEO नहीं है तो कभी रैंक नहीं करेगा।

आपके ब्लॉग या साइट के search engine optimization जीवन घुटी का काम करता है। मगर यहाँ पे फंडा थोड़ा अलग है, ऐसा नहीं है एक बार आपने जीवन घुटी पिलाने के बाद आपका साइट दौड़ता रहेगा SEO की दौड़ में। ये जीवन घुटी आपको हमेशा पिलाना पड़ेगा।

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असल में ये ज्ञान का भंडार है जितना ज्ञान अर्जित करते जायेगे उतना ही आगे बढ़ते जायेगे। अगर आपके SEO करने नहीं आता है, और ऑर्गैनिक ट्राफिक चाहते है तो आप ब्लॉग शुरू न करें। नहीं, मेरा मकसद आपको डरना या search engine optimization को गलत बताना नहीं है। मैं बस इतना समझना चाह रहा हूँ, SEO के बिना आपके साइट का कोई अस्तित्व नहीं है।

क्या आप तैयार है?

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Search engine optimization के बारे में जानने के लिए, अगर आप नहीं भी है तो भी मैं कहूँगा पढ़ने के लिए।

तो, आइए शुरू करते है आपने इस SEO सफर की।

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SEO क्या है?

जब भी आप अपने वेबसाइटें को किसी भी सर्च इंजिन के हिसाब से optimization करते है, ताकि वो सर्च इंजिन अपने ऑर्गैनिक सर्च रिजल्ट मे आपका साइट आगे दिखाए। इसी प्रक्रिया को SEO कहा जाता है। सर्च इंजिन अपना नियम-कानून बना कर आपको देते है, उसको फॉलो कर के उसके हिसाब से अपने साइट को optimization करना होता है। इसी नियम-कानून को Algorithm भी बोलते है।

WHAT IS SEO

SEO काम कैसे करता है?

सर्च इंजिन अपने यूजर के हिसाब से SEO के नियम-कानून बनते है, जिसको आपको फॉलो करना होता है। ये नियम-कानून सर्च हिस्ट्री और यूजर परफॉरमेंस के ध्यान मे रख कर बनाया जाता है। सर्च इंजिन का काम अपने यूजर को बेहतर से बेहतर रिजल्ट दिखाना होता है। जब भी कोई साइट सर्च इंजिन मे इंडेक्स होता है, तो वो किसी न किसी कीवर्ड के साथ होता है। अब उस कीवर्ड के ऊपर जीतने भी साइट इंडेक्स होता है उसने से जो सबसे जादा नियम कानून को फॉलो कर क बनाया गया है। उन सब को उसी हिसाब से सर्च इंजिन अपने डाटा मे सेव करता है।

SEO WORKS

जैस ही कोई यूजर उस कीवर्ड को सर्च करता है तो उसी क्रम मे साइट की लिस्ट दिख जाती है। जिसकी SEO टेक्निक जादा अच्छी होती है उसको सर्च इंजिन सबसे आगे दिखाता है। सर्च इंजिन साइट को एक निश्चित समय के बाद पुनः चेक करता है। आगर किसी दुरसे साइट SEO टेक्निक अच्छा मिलता है बाकी से तो उसको रिजल्ट मे आगे कर देता है। ये प्रक्रिया चलते रहती है हमेस एक बहत रिजल्ट को दिखाने के लिए।

SEO क्यूँ जरूरी है?

जब भी कोई ब्लॉग या वेबसाइटें बनाते है तो हमारा एक ही मकसद होता है। अपने साइट को जादा से जादा लोगों तक पहुचाना, जिसके लिए ऑर्गैनिक सर्च रिजल्ट को सबसे अच्छा मन जाता है। किसी को कोई भी समस्या होती है तो इंटरनेट के उपेर किसी सर्च इंजिन समस्या को लिख कर उसका जबाब ढूंढते है।

NEED OF SEO

एक दिन लाखों सर्च किए जाते है सर्च इंजिन पे और वो सर्च इंजिन अपने यूजर को अच्छी सर्विस देने के लिए SEO के नियम-कानून को फॉलो करते है।

बाकी सर्च इंजिन के मुकवाले गूगल इतना जादा नियम-कानून क्यूँ बनाता है?

जैसा की मैंने आपको बताया गूगल की शुरुवात 1997 मे हुई और लगभग 2004 से जादा इस्तेमाल मे आने लगा। बाकी सर्च इंजिन के मुकाबले गूगल आपने यूजर को बेहतर रिजल्ट देने की कोशिश करता है। जिसके लिए SEO के नियम-कानून मे हमेशा बदलाओ करता है।

लोगों को बेहतर रिजल्ट मिलता गया और गूगल के कस्टमर बेस बढ़ता चल गया। सभी सर्च इंजिन में सिर्फ गूगल पे 75% सर्च होते है। अपने इसी यूजर लिस्ट को बनाए रखने के लिए गूगल हमेशा अपने Algorithm मे बदलाओ करता है।

GOOGLE UPDATE

अब आपको इतना समझ मे आ गया होगा की SEO क्या है ओर क्यूँ इसकी जरूरत होती है। बिना SEO के आप अपने ब्लॉग पे ऑर्गैनिक सर्च रिजल्ट की कामना भी नहीं कर सकते है। जब तक आपके ब्लॉग पे ऑर्गैनिक रिजल्ट नहीं आता तब आपका ब्लॉग बनाने का सपना मेरे हिसाब से अधूरा है।

SEO करने के साथ ही साथ आपको अपने साइट को सर्च इंजिन में सबमिट करना होता है। जब आप अपनी साइट को सर्च इंजिन में सबमिट करते है, उसके बाद सर्च इंजिन का बोट आपके साइट को पढ़ता राहत है। आपकी साइट का SEO जब अच्छा होता तो रैंकिंग बढ़ जाती है, और जब कम होता है तो रैंकिंग घट जाती है।

ये उतार-चढ़ाव ऐसे ही चलता रहता है, जिससे आपकी साइट की ट्राफिक बढ़ती-घटती रहती है। तो, ब्लॉग बनाने के बाद SEO का पहला स्टेप जो होता है वो अपनी साइट को सर्च में सबमिट करना होता है।

साइट को सबमिट कैसे करते है ?

इसके लिए हर रक सर्च इंजिन का अपना एक webmaster tool है, अगर हम गूगल की बात करे तो गूगल ने इसका नाम बदल कर सर्च कन्सोल कर दिया है।

आपको सर्च कसोल पे जाकर अपने ईमेल से एक अकाउंट बनाना होता है। अकाउंट बन जाने के बाद साइट सबमिट का बॉक्स ओपन होता है, जिसके अपने साइट का मुख्य यूआरएल आपको डालना होता है। जिसके बाद verification करने को बोला जाता है। वेरफाइ करने से गूगल को ये पता चल जाता है की ये आपका ही साइट है। verify करने बहुत से तरीके दिया होते है आप किसी एक तरीका का इस्तेमाल से अपने साइट का verification कर सकते है। 

search console setup

इसके बाद आपका काम खतम हो जाता है, अब सर्च इंजिन का बोट अपने समय अनुशार आपके साइट को क्रॉल करता राहत है। सर्च कन्सोल पे आपको आपके साइट की ट्राफिक का भी पता चलता रहता है।

चलिए अब बात करते है SEO करते कैसे है। मगर SEO करने से पहले आपको ये जानना बहुत जरूरी है की SEO कितने प्रकार के होते है। और साथ ही साथ इनको किनते भागों मे बाँटा गया है।

SEO कितने प्रकार के होते है?

अगर SEO के प्रकार की बात की जाए तो ये मुख्यतः 3 प्रकार के होते है।

  1. WHITE HAT SEO
  2. GREY HAT SEO
  3. BLACK HAT SEO

आइए एक-एक कर के जानते है इनके बारे में।

TYPE OF SEO

1. WHITE HAT SEO (वाइट हैट SEO)

ये SEO का प्रकार सबसे अच्छा और उपयोगी माना जाता है सर्च इंजिन के नजर में। जब आप अपने साइट को सर्च इंजिन की दिशा-निर्देश के अनुशार SEO करते है तो उसको WHITE HAT SEO बोलते है।

मतलब जब हम वास्तविक (genuine) रूप से SEO को करते है तो इसको ही WHITE HAT SEO बोला जाता है। इसको करने में काफी टाइम लगता है, इसकी कोई निश्चित समय सीमा नहीं है। ये आपके टारगेट कीवर्ड और आपके प्रतिद्वंद्वी वेबसाइटें पे निर्भर करना है।

2. GREY HAT SEO (वाइट हैट SEO)

Grey Hat Seo बाकी दोनों के बीच का परत होता है। इसको करने के लिए कुछ ब्लैक हैट और कुछ व्हाइट हैट की मद्दत ली जाती है। जैसे उदाहरण के रूप में देखे तो जब भी आप किसी expire को लेते है, और उसके ऊपर अपना ब्लॉग साइट बना लेते है।

अब यहाँ पे expire डोमेन लेना ब्लैक हैट का परत है और उसपे आपने अपना वास्तविक (genuine) साइट बनाना व्हाइट हैट। इस तरह से भी बहुत लोग काम करते है ताकि उनका साइट जल्दी से ऑर्गैनिक ट्राफिक लाए।

इस केस मे भी सर्च इंजिन आपके साइट को विकलांग बना सकता है, और अपने डाटा से हटा सकता है। इसलिए इसकी भी को करने की सलाह में आपको नहीं दूंगा, खास कर के जब आप बिल्कुल नये है इस क्षेत्र में।

3. BLACK HAT SEO (ग्रे हैट SEO)

इस SEO के माध्यम से अपने साइट पे जल्दी से जल्दी ट्राफिक लाने का काम किया जाता है। जब काम को जल्दबाजी में करते है तो या तो गड़बड़ होता है या गलत होता है।

ठीक उसी प्रकार ब्लैक हैट SEO में भी वो काम कर के अपने साइट पे ट्राफिक लाया जाता है जो सर्च इंजिन करने से मन करते है। सर्च इंजिन को जब ये पता चल जाता है तो वो पूरी साइट को ही अपने डाटा से हटा देता है। इसलिए इसका इस्तेमाल आप काभी नहीं करें ये मेरी आपसे विनंती है।

अब आपके मन मे सवाल या रहा होगा लोग फिर इसको करते क्यूँ है?

जब कोई किसी प्रोडक्ट या सर्विस को जल्दी से रैंक करवाना होता है तब इसका इस्तेमाल करते है। जब तक सर्च इंजिन को इसके बारे मे मालूम होता है तब तक काम पूरा हो गया होता है। हैकर लोग भी इसका इस्तेमाल जादा करते है। मगर आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना है, नहीं तो सर्च इंजिन आपके ब्लॉग को अपने डाटा से हट देगा ओर फिर काभी भी सर्च रिजल्ट मे आपका साइट नहीं आएगा।

अब आप सब को ये पता चल गया होगा की seo 3 प्रकार के होते है, और तीनों में से सबसे अच्छा कौन स है। इसके बाद ये जानना भी जरूरी है की इसे कितने भागों में बाँटा गया है।

अगर SEO के भागों की बात करें तो मुख्यतः इसे मे 3 भागों मे किया जाता है

  1. ONPAGE SEO
  2. OFFPAGE SEO
  3. TECHNICAL SEO

ये तीनों seo अपनी जगह पे खास महत्व होता है। अच्छे रिजल्ट और जल्दी रैंकिंग लेने के लिए आपको तीनों seo का उपयोग करना होगा। तो, आइए एक एक कर के इसकी चर्चा करते है, इसकी क्या जरूरत है और इस्तेमाल कैसे करना है।

ON-PAGE SEO (ऑन पेज SEO)

जब भी हम seo करना शुरू करते है तो हमे सबसे पहले onpage seo करना होता है। बिना इसको किए बाकी दोनों seo को करने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो onpage seo के बिना आपका साइट रैंक नहीं हो पाएगा।

ONE PAGE SEO

Onpage SEO क्यूँ जरूरी है?

जब आप अपनी साइट को सर्च इंजिन में सबमिट करते है। उसके बाद सर्च इंजिन आपके साइट को क्रॉल करता है, और कीवर्ड को खोजता है। ये वही कीवर्ड होते है जिसपे आपका साइट या ब्लॉग रैंक करता है। onpage seo में हम कीवर्ड को लगाने का ही काम करते है ताकि सर्च इंजिन को आसानी से हमारी कीवर्ड मिल जाए। आपका onpage जितना अच्छा उतना ही जल्दी आपकी साइट क्रॉल होगी और रैंक करने का जादा उमीद होगा।

Onpage SEO कैसे करते है?

जब भी आप कंटेन्ट लिखना शुरू करते है तो आपको onpage को ध्यान में रख कर लिखना होता है। मान लेते है आपका मुख्य कीवर्ड है “fat loss diet”।

अपने मुख्य कीवर्ड को निम्नलिखित जगहों पर अपने आर्टिकल में आपको इस्तेमाल करना जरूरी होता है :

1. पेज शीर्षक (meta title) और Headings (H1): आर्टिकल का शीर्षक बहुत जरूरी होता है, इसको लिखते समय इसका खास कर ध्यान रखे की आपका मुख्य कीवर्ड शीर्षक में मौजूद हो। कोशिश करें शीर्षक 55-60 शब्द से जादा का न हो।

उदाहरण : Top 10 fat loss diet plan for women

2. URL structure: दूसरा जगह है आपके पोस्ट का url इसमे भी आपका कीवर्ड होना चाहिए।

उदाहरण : example.com/fat-loss-diet-plan-for-women

3. आर्टिकल के पहले अनुच्छेद (paragraph) : जब आप अपना आर्टिकल लिखे तो कोशिश करें पहले 100 शब्द के अंदर आपका मुख्य कीवर्ड या जाए।

4. मेटा विवरण: मेटा विवरण लिखते समय आपण कीवर्ड का इस्तेमाल करें। सर्च रिजल्ट में शीर्षक और URL के साथ आपका मेटा विवरण ही दिखाई देता है। ब्लॉग को पढ़ने से पहले रीडर्स इसी को पढ़ते है इसलिए इसका उपयोग करना बहुत जरूरी होता है।

5. इमेज के alt-text : जब भी आप कोई इमेज लगते है, तो इमेज के alt-text में कीवर्ड का इस्तेमाल करने से आपकी इमेज भी रैंक करता है। जिससे और जादा रिजल्ट या सकता है।

6. कंटेन्ट में : जब भी आप अपना कंटेन्ट लिखे तो कीवर्ड को सब-हेडिंग के साथ-साथ paragraph में भी उपयोग करें। अपने आर्टिकल में जीतने शब्दों का इस्तेमाल हुआ है उसके अनुशार। मान लीजिए आपका आर्टिकल 1000 शब्द का है, तो जायद से जायद आपको 5-6 बार अपने कीवर्ड का इस्तेमाल कर सकते है।

OFF-PAGE SEO (ऑफ पेज SEO)

Onpage SEO हो जाने के बाद सर्च इंजिन उस कीवर्ड पे आपके आर्टिकल का लिस्टिंग कर लेता है। मगर अब आपका आर्टिकल सर्च रिजल्ट के किस पेज पर दिखेगा ये Offpage seo पे निर्भर करता है।

सर्च इंजिन के पास एक ही कीवर्ड के ऊपर हजारों की संख्या में आर्टिकल लिस्टिड होते है। अब सारे आर्टिकल को पहले नंबर तो दिखाया नहीं जा सकता है। अब इसके लिए सर्च बहुत से नियमों को देखता है और जो साइट उस में अवल आता है उसको सर्च रिजल्ट मे पहला स्थान प्राप्त होता है।

OFF PAGE SEO

सर्च इंजिन क्या चेक करता है?

अगर सरल भाषा में कहा जाए तो सर्च इंजिन आपके ब्लॉग की लोकप्रियता (popularity) को चेक करता है। अगर टेक्निकल शब्दों में कहा जाए तो बैकलिंक की संख्या। जिस साइट के पास जितना जादा बैकलिंक होता है वो जादा लोकप्रियता माना जाता है। अगर वो बैकलिंक उसी niche से संबंधित साइट से ली गई है तो इसका जादा महत्व मिलता है।

एक उदाहरण के रूप में समझते है, मान लीजिए दो अलग-अलग साइट ने एक ही कीवर्ड पे ब्लॉग लिखा है। सर्च इंजिन ने दोनों साइट के ब्लॉग को अपने डाटा में रख लिया। पहले साइट के पास कुल बैकलिंक की संख्या 50 है जबकि दूसरे साइट के पास मात्र 10 बैकलिंक है। अब जैसे ही कोई उस कीवर्ड को सर्च करेगा, तब दोनों ब्लॉग में से किसी एक ब्लॉग को पहले दिखाना होगा। अब Offpage seo का मुख्य काम यह शुरू होता है। सर्च इंजिन दोनों साइट के बैकलिंक को चेक करेगा, जिसका बैकलिंक जादा ओर अच्छा होगा उसको पहला स्थान मिलेगा। इसलिए 50 बैकलिंक के साथ पहला आर्टिकल पहले दिखेगा उसके बाद दूसरा।

हमेशा अच्छी साइट (authority site ) से बैकलिंक बनाए, जिससे आपके साइट के रैंकिंग में जल्दी से जल्दी सुधार आएगा। आपका प्रतिद्वंदी जहा से बैकलिंक बना रहा है, वहां से आप भी बैकलिंक बनाने की कोशिश करें।

Offpage SEO में बैकलिंक बनाने के लिए आप निम्नलिखित तरीकों को अपना सकते है :

1. गेस्ट पोस्टिंग: हमेसा अथॉरिटी साइट पे गेस्ट पोस्ट करें जहा से आपको अच्छी बैकलिंक मिले जो आपके साइट को बढ़ावा दे सके।

2. कमेंट और रिव्यु: बहुत सारे आपको अच्छे साइट मिल जायेगे जहा आपको कमेंट या प्रोडक्ट का रिव्यु सबमिट करने ऑप्शन मिल जाता है। आपको उन साइट को खोजना है जो आपके नीच से सम्बंधित हो और गेस्ट कमेंट लेता हो। वहा जाकर आपको एक अच्छा सा रिव्यु या कमेंट लिखना है और एंकर टेक्स्ट में अपने ब्लॉग का लिंक देना है।

3. बुकमार्क सबमिशन: बुकमार्क आपके एंकर टेक्स्ट कीवर्ड पे दिया गया लिंक होता है, जो न तो किसी ब्लॉग के अंदर होता है और न ही किसी कमेंट में। ये बुकमार्क आम तौर पर साइट के साइडबार वाले पेज में होता है। इस तरह की साइट का भी आप उपयोग कर सकते है बैकलिंक के लिए।

4. इमेज सबमिशन: गेस्ट पोस्ट की तरह ही इमेज सबमिट करने की भी बहुत से साइट होती है, जहा आप अपना इमेज अपलोड कर सकते है तथा उस इमेज पे आपने लिंक भी ऐड कर सकते है।

5. पीडीऍफ़ सबमिशन: फाइल शेयरिंग वेबसाइट के ऊपर आप पीडीऍफ़ सबमिशन कर सकते है और आपने लिंक देकर बैकलिंक ले सकते है।

6. पीपीटी सबमिशन: आपने प्रोडक्ट या वेबसाइट को विसुअल रूप से पीपीटी के रूप में बना कर सबमिट किया जाता है जो पीपीटी सबमिशन कहलाता है।

7. डायरेक्टरी सबमिशन: बहुत से ओपन डायरेक्टरी भी इंटरनेट पे मिल जायगे जहा पे आप अपने बिज़नेस की जानकारी सबमिट कर सकते है और बैकलिंक ले सकते है।

8. इन्फोग्राफिक: इमेज सबमिशन की तरह ही इन्फोग्राफिक भी बहुत इफेक्टिव है, बैकलिंक के लिए आप गूगल इमेजेज जैसे साइट पे आपने इन्फोग्राफिक सबमिट कर सकते है। जिस से आपको अच्छा रिजल्ट्स मिलता मिल जाता है।

9. ब्रोकन लिंक: ये तरीका बहुत ही कारगर तरीका है बैकलिंक के लिए, इसलिए आपको हमेशा इस तरह के साइट को खोजना होता है। जब किसी साइट दे  द्वारा किसी दुरसे साइट या ब्लॉग पर दिया जाता ओर वो साइटया ब्लॉग किसी भी कारण से बंद हो जाता है, तो उस साइट या ब्लॉग पर दिया गाया लिंक को ब्रोकन लिंक बोलते है। ऐसे लिंक को आपको खोजना है और फिर उस लिंक को लेने के लिए मेल के जरिये साइट के मालिक से संपर्क करे।  आपका लिखने का तरीका जितना अच्छा होगा उतना ही जादा लिंक मिलने की उमीद होगी।

10. एक्सचेंज: बैकलिंक बनाने का ये तरीका भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाता है, इसमें होता क्या है जैसे आप किसी साइट को बैकलिंक दे रहे है तो उस साइट का मालिक आपने साइट से एक बैकलिंक आपको देता है। मतलब बैकलिंक का आदान-प्रदान होता है , लेकिन मैं आपको सलाह देना चाहूँगा इसका उपयोग ज्यादा न करे नहीं तो गूगल आपको स्पैम कर सकता है।

TECHNICAL SEO (टेक्निकल SEO)

सर्च इंजिन अपने यूजर को अच्छा से अच्छा रिजल्ट दिखने के लिए Technical seo को चेक करता है। आपने बहुत बार ऐसा देखा होगा या फिर आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा। ब्लॉग का Onpage और Offpage seo करने के बाद जब ट्राफिक आना शुरू होता है, तो वो जादा दिन तक नहीं रह पता है। सर्च इंजिन ब्लॉग की लिस्टिंग को नीचे कर देता है। इसका सबसे बार कारण Technical seo होता है।

अब ब्लॉग में सब कुछ अच्छा था लेकिन उसके दिखने का तरीका या प्लेटफॉर्म यूजर को पसंद नहीं आया। जिसके कारण यूजर आपके ब्लॉग को चोर कर दूसरे पे जाने लेंगे। ऐसे स्थिति में सर्च इंजिन भी यूजर रिव्यू को फॉलो करता है, और जिस साइट पे लोग जादा देर समय दे रहे है उसको रैंक कर देता है। चाहे इस साइट का offpage seo पहले वाले से अच्छा ही क्यूँ न हो।

TECH SEO

ऊपर हमने एक उदाहरण लिया था जिसमे एक साइट के पास 50 बैकलिंक थी और दूसरे के पास 10 बैकलिंक। अब मान लीजिए 50 बैकलिंक वाला साइट का technical seo अच्छा नहीं है और 10 बैकलिंक वाले का अच्छा है। ऐसी स्थिति में 10 बैकलिंक वाला ब्लॉग 50 बैकलिंक वाले से ऊपर चल जाएगा।

Technical seo में मुख्यतः क्या देखा जाता है?

Technical seo में खास कर के साइट के परफॉरमेंस को सर्च इंजिन देखता है। जिसको मापने के कुछ मुख्य पॉइंट नीचे दिए गए है :

1. Speed : आपका साइट क्लिक करने के बाद कितने समय लेता है खुलने में। अगर जादा समय लेगा तो यूजर दूसरी साइट मे चल जाएगा।

2. Mobile Friendly : इंटरनेट जादा तर मोबाईल या छोटे डिस्प्ले वाले डिवाइस पर देखा जाता है। अगर आपका साइट उसके हिसाब से नहीं बना होगा तो यूजर आपके साइट को नापसंद कर देगा।

3. Readability : ब्लॉग को खोलने के बाद फॉन्ट छोटा होने या सही से आर्टिकल को सही तरीके से प्रस्थापित नहीं होने के कारण भी यूजर वापस जा सकता है।

4. Cache : Cache सिस्टम अगर आप इस्तेमाल करते है तो आपका साइट खुलने का स्पीड और जादा बढ़ जाता है। जो यूजर को आपके साथ बनाए रखने में मदत भी करता है। cdn का इस्तेमाल कर के भी आप अपनी ब्लॉग की स्पीड को बढ़ा सकते है।

इसके अलावा आपको Technical seo में आपको ये भी ध्यान रखना है की आपके ब्लॉग का टेम्पलेट अच्छा हो। आप जीतने अच्छे तरीके से अपने ब्लॉग को परोसेंगे उतना ही जादा यूजर को पसंद आएगा। सर्च इंजिन इन सभी चीजों को देखता है और साइट की रैंकिंग मे इनका इस्तेमाल करता है।

निष्कर्ष

आशा करता हूँ SEO से संबंधित जो भी सवाल होंगे वो पूरे हो गए है। अगर कुछ आपको लगता है की रह गया है तो आप मुझ से पूछ सकते है। आज के इस मुश्किल दौर में जितना जादा जरूरी अच्छा कंटेन्ट लिखना है उस से भी काही जादा जरूरी अपने ब्लॉग का SEO करना है।

जब तक आपके साइट को seo सही नहीं होगी, तब तक साइट को रैंक करवाना बहुत मुश्किल है। SEO के बारे में आप जितना जादा से जादा हो सके उतना पढ़े। SEO एक समंदर की तरह है जिसका पानी कभी खतम नहीं होता।

चलिए इस टॉपिक को अब यही पे खतम करते है, इसी तरह पढ़ते रहिए और ज्ञान बढ़ाते रहिए।

धन्यवाद !

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