आज किसी भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह होती है कि वह किसी भी तरह से अपनी काम करने की क्षमता जैसे समस्या को दूर नही कर पा रही है। बिटकॉइन और एथेरियम जैसे क्रिप्टो कॉइन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर कार्य करते हैं। इनमें इनकी स्पीड और scalability की प्रॉब्लम देखने को मिल ही जाती है।
इन सभी समस्याओं का समाधान सिर्फ एक ही ने निकाला है वह है solana coin।
यह कोई पिछले कुछ समय से ही बायनेंस के ऊपर ट्रेडिंग में कार्य कर रहा है। वैसे अगर देखा जाए तो सोलाना coin को अभी बाजार में आए बहुत कम समय हो हुआ है, लेकिन यह कॉइन आज लोगों के बीच में बहुत पॉपुलर होता जा रहा है तो लोग इस कॉइन के बारे में कह रहे हैं कि आने वाले समय में एथेरियम की जगह कॉइन ले सकता है।
आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि जब भी एथेरियम कॉइन मार्केट में आया था, तो उसकी कीमत ना के बराबर थी। इसी तरह से सोलाना कॉइन चल रहा है।तो चलिए आज आज आपको बताते है आखिर solana क्या है ओर यह कैसे काम करता है, सोलाना कॉइन का इतिहास क्या है, इसको किस तरह से खरीदा जा सकता है, सोलाना का भविष्य क्या है, इन सभी के बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा बताने जा रहे हैं..
क्या है solana coin?
Solana coin भी ब्लॉकचेन प्लेटफार्म पर आधारित कॉइन है। यह एथेरियम व ट्रोन कॉइन की तरह ही डिसेंट्रलाइज्ड होता है। और ब्लॉकचेन प्लेटफार्म पर ही कार्य करता है। सोनाला एक ओपन सोर्स प्रोजेक्ट है। जिसको डिसेंट्रलाइज ऐप बनाने के लिए और ट्रांजैक्शन के लिए उपयोग में लिया जाता है।
सोलाना कॉइन सोलाना प्लेटफार्म के ऊपर ही उपयोग में लेने के लिए बनाया हुआ है। इसका कोड नेम ” SOL” होता है। इसका इस्तेमाल सोलाना प्लेटफार्म के ऊपर ट्रांजैक्शन करने के लिए होता है। इसके अलावा सोलाना कॉइन भी अन्य कॉइन की तरह ब्लॉकचेन प्लेटफार्म की तरह ही proof of stake पर काम करने के अलावा प्रूफ ऑफ हिस्ट्री पर भी कार्य करता है। ये अंदर स्नैपशॉट्स लेकर सभी को अपने पास में रखता है।
Solana coin का इतिहास
सोलाना कॉइन को सन 2017 में मार्केट में लांच किया गया था। उस समय में इसकी कीमत कुछ ज्यादा खास नहीं हुआ करती थी। सोलाना को इनको 11 अप्रैल 2020 में लांच किया गया था।तब इसकी कीमत ₹59 थी। 11 अप्रैल से लेकर 26 जून 2020 तक इसको इनकी कीमत में कोई उछाल नहीं आया। लेकिन 26 जून के बाद में इसको इनकी कीमत में काफी हलचल सी देखने को मिली थी।
पहला उछाल इसको इनकी कीमत में 13 अगस्त को हुआ, उस समय इसकी कीमत ₹280 पहुंच चुकी थी। उसके बाद जैसा सभी कॉइन के साथ होता है तो इसकी कीमत कभी ज्यादा ऊपर तो कभी नीचे अर्थात इसकी कीमत में थोड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिले।
लेकिन कॉइन का दूसरा बड़ा उछाल 24 फरवरी 2021 में आया। तब इसकी कीमत 1252 रुपए हो चुकी थी। उसके बाद 18 मई 2021 को फिर से इसकी कीमतों में तेजी आई और उस समय इसकी कीमत ₹4096 हो चुकी थी। इस तरह से इसकी पढ़ती हुई कीमतों को देखकर लोगों ने यह अनुमान लगा लिया कि आने वाले समय में एथेरियम को इनकी जगह सोलाना कॉइन ले ही लेगा।
सोलाना कॉइन का price
सोलाना कॉइन की कीमत 16 अगस्त 2021 के दिन मार्केट कैप के अनुसार 4558.83 थी। 24 घंटे की ट्रेंडिंग वॉल्यूम की बात करें तो यह 214,056,765,221 रुपये थी। सोलाना कॉइन की मार्केट कैप 1302895468090 रुपये है। सोलाना कॉइन मार्केट कैप वेबसाइट के अनुसार इनकी टोटल सप्लाई 501827855 सोलाना कॉइन है, इनकी मैक्सिमम सप्लाई के बारे में अभी कुछ खास जानकारी नहीं पता है, लेकिन इसकी सर्कुलेटिंग SOL सप्लाई 286,294,943.91 हुई है।
Solana coin का आविष्कार
सोलाना कॉइन को anatoly yakovenko के द्वारा आविष्कार किया गया है इन्होंने दिसंबर 2003 से लेकर जुलाई 2016 तक qualcomm नाम की एक कंपनी में सीनियर स्टाफ मैनेजर की पोस्ट पर काम कर रहे थे। वहां भी काम करते हुए इन्होंने अपनी जॉब को छोड़ दिया। फिर वहां से भी इन्होंने अपनी कंपनी को बदल ली और ड्रॉप बॉक्स में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट पर काम करने लगे।उसके बाद यह 2017 तक सोलाना कॉइन को बनाने में लगे रहे थे।
सोलाना कॉइन के कार्य करने की गति
सोलाना कॉइन सबसे तेज काम करने वाली ब्लॉकचेन में से एक मानी गई है। जहां पर एथेरियम केवल 15 ट्रांजैक्शन की लेनदेन हर एक सकेंड में करता है। वही सोलाना 50000 के लेनदेन हर सेकेंड में आसानी से कर लेता है। 400मिली सेकंड वाली ब्लॉक को 0.4 सेकंड में 1 ब्लॉक को माइन आसानी से कर लेता है। यह बहुत तेजी से ही कार्य करता है इसको सचमुच बहुत तेज कॉइन माना गया है।
सोलाना को इनको “एथेरियम का किलर” भी कहते हैं। इसको इथेरियम का किलर कहने का कारण इसके काम करने की गति है। इस बड़ी समस्या कोई एथेरियम अभी तक सॉल्व नहीं कर पाया है। भविष्य में एथेरियम 2.0 के आने के बाद एथेरियम पर आने वाली सभी समस्याएं शायद दूर की जा सकती है।
सोलाना कॉइन काम कैसे करता है?
सोलाना कॉइन proof of history पर कार्य करता है। वही अगर देखा जाए तो इटेरियम प्रूफ ऑफ वर्क पर काम करता है। यानी जितने भी सोलाना stake कर रखे है। उनकी हर 400 मिली सेकंड का एक स्क्रीनशॉट लिया जाता है। जिससे इस नेटवर्क की सभी जानकारी हर 0. 4 सेकंड में मिल जाती है।
अगर बात करें एथेरियम नेटवर्क ही तो यहां पर इसको इस्तेमाल करने के लिए बहुत अधिक फीस देनी पड़ती है लेकिन सोलाना कॉइन में फीस ना के बराबर होती है। इसीलिए जिस तरह से एथेरियम ने अपने आप को बिना अपने आप को तेज करने, व स्केल करने के लिए अपना पूरा ढांचा ही बदल दिया है। वही सोलाना ने बिना कुछ बदलाव के 2 साल में अपनी स्पीड को बहुत तेज बढ़ा दिया है। यह सब सोलाना में moore’s law की मदद से ही हो पाता है।
इसके अनुसार यहां हर 2 साल में सर्किट में ट्रांजिस्टर की संख्या दोगुनी हो जाती है। सोलाना इसी चीज पर कार्य करता है। एथेरियम में Validator को बनने के लिए कम से कम 32 एथेरियम होने चाहिए। वहीं अगर सुनाना की बात करें तो उसको बनने के लिए किसी भी validator जैसे किसी नियम की जरूरत नहीं होती है
क्या सोलाना एथेरियम किलर है?
बहुत सारे क्रिप्टो करेंसी कॉइन ब्लॉकचेन पर कार्य कर रहे हैं जो अक्सर खुद को एथेरियम किलर कहते हैं। उनमें से प्रमुख polkadot,cardano, tron आदि सब है। यह सब दावा करते हैं कि इथेरियम की तुलना में यह बहुत तेज हैं। परंतु सोलाना इन सब से भी अधिक तेज है। इसको एथेरियम किलर कहा जा सकता है।
एथेरियम आने कॉइन की तरह ब्लॉकचेन पर ही कार्य करता है। एथेरियम के द्वारा सभी कार्य को बहुत तेज और आसानी से करवाना जैसे dapp बनाना,smart contract और अन्य क्रिप्टोकरंसी उस पर पूरी तरह निर्भर रहना आदि कार्य।
इन सभी कारणों की वजह से ही लोग एथेरियम का इस्तेमाल कर रहे लोग polkadot, cardano, tron या सोलाना coin छोड़ कर आ गए हैं। लेकिन एथेरियम इन सब ब्लॉकचेन की तुलना में सबसे अधिक काम आने वाला है। एथेरियम की बहुत बड़ी कम्युनिटी है जो कि एथेरियम पर बहुत अधिक भरोसा करती है। एथेरियम पुरानी ब्लॉकचेन प्लेटफार्म में से एक माना गया है। जबसे ईथेरियम 2.0 पर काम करना शुरू हुआ है। लोगों की उम्मीदें इथेरियम के प्रति और अधिक बढ़ गई हैं। लोगों का एथेरियम पर बहुत अधिक भरोसा है इसीलिए दिन प्रतिदिन लोग इस नेटवर्क से जुड़ते जा रहे हैं।
इन सभी में सुलाना का नेटवर्क इतना बड़ा नहीं है। जितना कि इथेरियम का है। जहां दो लाख से भी अधिक validators है तो सोलाना के इसकी तुलना में अभी 926 validators है जोकि बहुत कम है। लेकिन इसकी जो कार्य करने की क्षमता है वह एथेरियम को बराबर से टक्कर दे रही है।
भारत मे सोलाना कॉइन कैसे खरीदे?
अगर देखा जाए तो भारत में क्रिप्टो करेंसी खरीदने के बहुत सारे प्लेटफार्म हैं। उन सभी में सबसे अधिक काम करने वाला वजीरएक्स है। लेकिन यहां अभी तक सोलाना कॉइन को इसमें लिस्ट नहीं किया गया है। इसीलिए आप वज़ीरक्स से इनको नहीं खरीद सकते हैं। सोलाना कॉइन को आपको coinDEX से खरीदना होगा।
यह भी एक क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का प्लेटफार्म है। सबसे पहले आपको अपना अकाउंट coinDCX पर बनाना होगा। वहां पर अकाउंट बनाने के लिए आपको ₹500 तक के बिटकॉइन फ्री में मिल जाएंगे। अकाउंट बनाने के बाद में आपको केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। उसके बाद जाकर आप सोलाना कॉइन को खरीद सकते हैं ।
Conclusion
आज हमने आपको इस पोस्ट के द्वारा what is solana coin,how does it work. के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई यह सभी जानकारी पसंद आई होगी और अधिक किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रह सकते हैं या फिर किसी की समस्या के लिए कमेंट सेक्शन में जाकर कमेंट करके पूछ सकते हैं।
FAQs
क्या सोलाना कॉइन को एथेरियम का किलर कहा जाता है?
जी हां
सोलाना कॉइन की शुरुआत कब की गई थी?
11 अप्रैल 2020
सोलाना कॉइन के जनक कौन है?
Anatoly yakovenko
सोलाना के कितने validators है?
926 validators