वर्तमान समय में XRP coin बहुत ही चर्चा का विषय बना हुआ है, इसका इतना पॉपुलर होने का सबसे बड़ा कारण इसकी बढ़ती हुई कीमत है। इसकी बढ़ती हुई कीमतों की वजह से लोग इसको इनकी तरफ बहुत आकर्षित हो रहे है। xRP कॉइन का इस्तेमाल बड़ी-बड़ी कंपनियां ट्रांजैक्शन के लिए भी करती हैं। अधिकतर लोग इसको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए भी उपयोग में लेते हैं।
आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से XRp कॉइन के बारे में बताने जा रहे हैं। दोस्तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि XRP एक क्रिप्टोकरंसी है। जो कि आज क्रिप्टो एक्सचेंज में उपलब्ध होती है। यह ऐसा क्रिप्टो कॉइन है जिसने मार्केट में अपना स्थान टॉप 10 कॉइन बीच में बनाया हुआ है। आज के इस आर्टिकल के द्वारा XRP क्या है, इसका इतिहास क्या है, XRP कॉइन के फायदे क्या है, XRP कॉइन कैसे काम करता है, इन सभी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं…
XRP coin क्या है?
XRP coin एक क्रिप्टो करेंसी होती है जो कि ripple net के आधार पर कार्य करती है। ripple net डिजिटल पेमेंट का वह प्लेटफार्म है। जिसको रिपल कंपनी में ही बनाया था। ripple कंपनी वह कंपनी है, जिसके द्वारा XRP coin को इनको बनाया गया है। यह कॉइन अन्य coin के मुकाबले बहुत ही अधिक तेजी से डिजिटल ट्रांजेक्शन करता है। XRP coin के अंतर्गत हर 3से 5 सेकेंड के अंदर एक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की जाती है।
XRP व Ripple में सम्बंध
XRP एक डिसेंट्रलाइजेशन क्रिप्टो करेंसी है। इसको रिप्पल के द्वारा ही बनाया गया है। यह बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ाने के लिए एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के उपयोग करने के लिए ही बनाया गया है। यह रिप्पल का एक माध्यम होने के साथ-साथ एक प्रकार का कॉइन भी है। XRP क्रिप्टो करेंसी को बैंकों के क्रिप्टोकरंसी के रूप में भी जानते है। रिपल प्रोटोकॉल का मुख्य उद्देश्य बैंक की प्रणाली को पूरा करना होता है। यहां पर विदेशी भुगतान से पैसा, सोना और अन्य हवाई जाती है। ट्रिपल के द्वारा XRP कॉइन को बनाने का लक्ष्य इसके द्वारा लेनदेन को फास्ट व कम पैसे वाला बनाया जाना है। सन 2012 ripple के द्वारा XRP की बिक्री को शुरू कर दिया गया था।
बहुत बार तो लोगों को ripple और XRP coin के बीच में भ्रम पैदा होते हुए देखा है। XRP व ripple के बीच कुछ गहरे तथ्य…
- XRP को पहली बार सन 2012 में ripple के द्वारा ही बनाया गया।
- XRP coin एक डिजिटल क्रिप्टो करेंसी है। जो ripple प्रोटोकॉल से ही संबंध रखती है।
- XRP सस्ते और कुशल cross-border भुगतान विधि के रूप में सभी बिजनेस वह छोटे उद्योगों में उपयोग करने के लिए ही डिजाइन किया गया है।
- Ripple के द्वारा कहा गया है कि XRP पेमेंट केवल 4 सेकंड में ही किया जा सकता है। पूरे दिन में 15 सौ की लेनदेन प्रति सेकेंड यह संभाल सकता है।
- Ripple एक खुद की payment प्लेटफॉर्म वाली कंपनी है। यह कम लागत में विश्व स्तर पर पैसों के ट्रांजैक्शन की सुविधा के लिए ही बनाई गई है। पेमेंट प्लेटफार्म का हिस्सा बाजार की मांग बनाने के लिए XRP के उपयोग को यह प्रोत्साहित करती है।
XRP coin कैसे काम करता है?
XRp coin को अधिकतर पेमेंट करने के लिए ही उपयोग में लिया जाता है, क्योंकि यह कॉइन किसी भी ट्रांजैक्शन को कम पैसे में बहुत तेजी से ट्रांसफर करता है। इसलिए आज के समय में XRP coin बहुत अधिक पॉपुलर है। इस coin को लॉन्च करते समय पहले दूसरे टेक्नोलॉजी हुआ करती थी। वह एक देश से दूसरे देश में पैसे ट्रांसफर करने के लिए बहुत अधिक समय लगाती थी, और कुछ ज्यादा ही पैसे ट्रांसफर करने का चार्ज लेती थी। लेकिन XRP कॉइन के आते ही यह काम बहुत आसान हो गया। XRP coin की वजह से अधिक चार्ज नहीं लगता है और कुछ ही सेकंड में आप घर बैठे विदेशों में पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं।
XRP coin का उपयोग
XRP coin बहुत कम फीस के साथ का मुद्रा व्यापार है। ऐसी कई प्रकार की मुद्राएं होती हैं। जिनको सीधे एक दूसरे में चेंज नहीं कर सकते। इसलिए अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल बैंकों के मध्यस्थ के तौर पर करते है। यह एक डबल कमीशन करेंसी एक को यूएसटी में चेंज करने के लिए यूएसडी करंसी धीमे परिवर्तन करने के लिए एक बीच का माध्यम है। इसीलिए यूएसडी की तुलना में यह बहुत ही सस्ता होता है। और तुरंत ट्रांजैक्शन के लिए इसमें 3 से 4 सेकंड का समय लगता है।
XRp coin के जनक
Xrp कॉइन को क्रिस लार्सन व जेड मकलेड के द्वारा बनाया गया था। इनका इस्कॉन को बनाने का उद्देश्य था, कि भविष्य में ट्रांजैक्शन संबंधित आने वाली सभी समस्याओं को खत्म किया जा सके। क्रिस लार्सन का जन्म सन 1960 में हुआ था। इनको बचपन से ही सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज में बहुत इंटरेस्ट था। इसीलिए इन्होंने xrp ripple coin के अलावा भी मॉर्गेज लेंडर ई लोन नाम से खोली थी। इस की शुरुआत सन 1996 में की गई थी। उसके बाद 2012 में ripple कंपनी को शुरू किया गया था।
XRP coin का इतिहास
Xrp coin जब यह मार्केट में आया था, तो इसकी कीमत बहुत ही कम हुआ करती थी। शुरू के कुछ सालों में तो इसमें कोई बड़ा उछाल देखने को नहीं मिला था। लेकिन कुछ सालों बाद यह कॉइन वोलेटाइल बन चुका था और इसके इतने ज्यादा वोलेटाइल बनने के बाद में इस कॉइन में अचानक से बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। xRp कॉइन 13 अगस्त 2013 को मार्केट में लॉन्च किया गया था। शुरुआत में इसकी कीमत 0.2594 हुई उसके बाद पहला चढ़ाव 13 दिसंबर 2013 को और दूसरी बार 19 मई 2017 को आया था। तब इसकी कीमत 21.26 हो गई। शुरुआत से लेकर आज तक XRp कॉइन टॉप 10 कॉइन के लिस्ट में रहा।
XRp Ripple के pros
1. बहुत कम कीमत में – अभी क्रिप्टो करेंसी पूरे पूरे बिटकॉइन के साथ चले जाते हैं। जैसे बिटकॉइन को ₹100 में खरीदा जाता है तो यह एक तरह के छोटे मूल्य का टोकन है। इसको आप बहुत कम दाम पर खरीद के अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हो।
2. प्रॉफिट कमाना आसान – यह बात तो बिल्कुल गलत है लेकिन फिर भी इसका मूल्य कम होने का फायदा यह होता है कि यह कम कीमत में भी इसमें प्रॉफिट कमाना आसान हो जाता है। इसलिए इस coin के अपने मूल्य में वृद्धि के लिए बहुत जगह दी गई होती है।
3.इकोनॉमी के लिए बेस्ट – ripple ने ही XRP को ब्लॉकचेन और कितने करेंसी के साथ हुई संपूर्ण विश्व की समस्या को हल करने के उद्देश्य से ही बनाया है। यह मुख्य रूप से वित्तीय संस्थानों के लिए सभी प्रकार की समस्याओं को चालू करता है और पैसे की ट्रांजैक्शन को भी तेज करता है। जो कि हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अच्छा होता है। रिप्पल प्लेटफार्म से लाखों बिजनेसमैन और छोटे उद्यमियों को वैश्विक अर्थव्यवस्था तक अपनी पहुंच उन सभी लोगों तक पहुंचाएगा।
4.Ripple का मार्किट कैप 3rd नम्बर – ट्रेनिंग प्लेटफार्म में अगर देखा जाए तो सबसे ऊपर कोई उसको ही देखा जाता है। जो कि मुख्य रूप से मार्केट कैप का एक हिस्सा है। क्रिप्टो के शीर्ष पर पहुंचने के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान पर क्रिप्टो के क्षेत्र में मार्केट कैप के लिए रिपल लगातार इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर रहा है।
XRp coin के cons
1.open source – एसआरपी में हमेशा जोखिम होता है क्योंकि कोड उपलब्ध होने के बाद बहुत से लोग इस को हैक करने की भी कोशिश करते हैं उसमें कुछ लोग तो सफल भी हो जाते हैं।
2. XRP का पार्ट ripple की ओनरशिप – ripple के चेयरमैन क्रिस लार्सन XRP coin के एक तिहाई से के मालिक हैं। बोर्ड के अन्य सीनियर सिटीजन सदस्यों की तरह एप्पल के सीईओ ब्रेड गार्लिगहाउस के पास थी काफी संख्या में कॉइन्स है, तो इनमें निवेश करना बहुत ही जोखिम भरा काम है। क्योंकि कुछ ही हाथों में बहुत अधिक XRP हैं जिससे इसकी कीमत पर असर पड़ता है।
3.यह डिसेंट्रलाइज्ड नही है – XRP ब्लॉकचेन परफेक्शनिस्ट के लिए ही एक तरह से वास्तविक किस कारण से नहीं होती है। यह डिसेंट्रलाइज्ड और इकोनॉमिक्स संप्रभुता के मूल्यों के खिलाफ भी जाता है। रिप्पल को मुख्य रूप से बिटकॉइन के आगे बैंकिंग और विधियों के लिए विकसित किया गया था। जो कि बिटकॉइन के द्वारा माइन किया जाता है। फिर यूजर्स के लिए गुमनाम रूप से बिजनेस किया जाता है। XRP का मुख्य उद्देश्य बिजनेस और स्टोर वेल्यू में क्रांति नहीं बल्कि बैंकिंग उद्योग के अंदर सभी प्रॉब्लम को सॉल्व करना होता है।
4.ripple का प्रतियोगी SWIFT – swift आज सबसे बड़ा इंटरनेशनल पेमेंट नेटवर्क और 11,000 फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट का फेवरेट ऑप्शन होता है। जो कि ripple का बहुत बड़ा कॉम्पिटिटर होता है। बैंकिंग क्षेत्र के लिए रिपल को मनाने की जरूरत होगी। क्योंकि उसके पेमेंट प्रोटोकॉल स्विफ्ट की तुलना में बहुत सस्ते आसान और सुरक्षित समाधान वाले होते हैं।
XRP कॉइन का future
Xrp कॉइन की कीमत भविष्य में $10 तक जा सकती है लेकिन बहुत से वेबसाइट के माध्यम से यह पता चलता है कि इसकी कीमत $100 तक भी पहुच सकती है। बड़ी-बड़ी वेबसाइट और कई सारे ट्रेडर्स ओका भी यह मानना है कि इसकी कीमत भविष्य में 2030 तक $10 तक पहुंच सकती है।
Conclusion
आज हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से what is XRP coin how does it work के बारे में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है कि आपको जो यह जानकारी दी है यह पसंद आई होगी। और अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रह सकते हैं। और अगर यह पोस्ट पसंद आई तो आप कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करके जरूर बताएं
FAQs
XRP कॉइन की शुरुआत कब हुई थी?
13 अगस्त 2013
XRP कॉइन के जनक कौन है?
क्रिस लार्सन
XRP कॉइन को किसने बनाया था?
ripple ने