बॉलीवुड अभिनेत्री गीता बसरा, जो हिंदू परिवार में जन्मी थीं और जिनकी सिख जड़ें भी हैं, ने सिख धर्म की गहराई को पूरी तरह से तब समझा जब उन्होंने भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह से शादी की। गुरु नानक जयंती के खास मौके पर गीता ने बताया, “यह एक बहुत बड़ा त्योहार है, जिसे पूरे पंजाब में दीवाली की तरह मनाया जाता है। स्वर्ण मंदिर इस दिन बेहद खूबसूरती से सजाया जाता है और पूरा अनुभव बहुत ही दिव्य होता है। सिख धर्म की शिक्षाएं, शांति और समृद्धि, और गुरुजी का पाठ सुनना एक अलौकिक अनुभव है।”
हरभजन सिंह की अध्यात्मिकता से बढ़ा प्यार
गीता बसरा ने यह भी साझा किया कि इस तरह के त्योहारों के दौरान अपने पति हरभजन को अध्यात्म में लीन देखकर वे उनसे और भी ज्यादा प्यार करने लगती हैं। उन्होंने कहा, “भज्जी केवल सिख धर्म का पालन नहीं करते, बल्कि वे बहुत भगवान-भक्त हैं। उनका एक बाबाजी हैं, जिन पर वे इस दुनिया में सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं। दरअसल, उन्हीं बाबाजी ने हरभजन का नाम रखा था। भज्जी की यह अध्यात्मिकता और उनका स्वभाव हमें यही सिखाता है कि हम भी अपने बच्चों को यही मूल्य सिखाएं।”
बच्चों में दिखती हैं धार्मिक संस्कार
गीता ने अपने बच्चों के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी हिनाया और बेटे जवान में भी ये मूल्य दिखाई देने लगे हैं। “जब मैं हनुमान चालीसा पढ़ती हूं, तो हिनाया अब इसका आधा हिस्सा याद कर चुकी है और मेरे साथ दोहराती है। मेरे बच्चे जिस भी भगवान में विश्वास करें, मुझे खुशी है कि वे अच्छे कर्म और अच्छे इंसान बनें।”
गुरु नानक जयंती पर लंगर सेवा का अनुभव
गीता ने गुरु नानक जयंती के दिन लंगर सेवा की अपनी यादें भी साझा कीं। उन्होंने बताया, “हमने अपने घर पर लंगर का आयोजन किया था, जहां सभी लोग आते थे और मैं उन्हें भोजन परोसती थी। प्रसाद बनाना और लोगों को सेवा देना बहुत ही खास अनुभव था। सिख धर्म की शिक्षा देने का यह सबसे अच्छा तरीका है।”
सिख धर्म की प्रेरणादायक शिक्षा
गीता से जब पूछा गया कि सिख धर्म की कौन-सी शिक्षा उन्हें सबसे ज्यादा प्रेरित करती है, तो उन्होंने बताया, “भज्जी के हाथ पर एक गुरुमुखी टैटू है, जो सिख धर्म से प्रेरित है। इसका अर्थ है कि जीवन में चाहे जितनी ऊंचाई पर पहुंच जाओ, हमेशा विनम्र रहो। यही सीख हमें प्रेरित करती है।”