देवरा पार्ट 1: एनटीआर जूनियर की दमदार वापसी, लेकिन क्या ये ‘राजामौली का श्राप’ तोड़ पाएगी?

Khushboo Parveen
By Khushboo Parveen - Intern
4 Min Read
Devara
(Image Source: Social Media Sites)

एनटीआर जूनियर की फिल्म देवरा पार्ट 1 को लेकर काफी चर्चा हो रही है, खासकर ‘राजामौली के श्राप’ के संदर्भ में। ऐसा कहा जाता है कि जो भी अभिनेता राजामौली की हिट फिल्म में काम करता है, उसकी अगली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं करती। हालांकि, एनटीआर जूनियर की इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं दिखता। फिल्म की कहानी, सेटिंग और एक्शन दर्शकों को जरूर पसंद आएंगे, लेकिन क्या यह श्राप तोड़ पाएगी, यह देखना बाकी है।

कहानी और सेटिंग

- Advertisement -

फिल्म की कहानी 1980 और 1990 के दशक के बीच सेट है, जो मुंबई से लेकर रत्नागिरी तक फैली है। देवरा (एनटीआर जूनियर) एक बहादुर इंसान है, जो समुद्र के रास्ते हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी में मदद करता है। उसका साथ देता है भैरा (सैफ अली खान)। एक घटना के बाद देवरा अपनी गांव की रक्षा करने का संकल्प लेता है और तस्करी को रोकने का फैसला करता है। इसके बाद भैरा और उसके साथी देवरा को मारने की योजना बनाते हैं, और यहीं से कहानी एक नया मोड़ लेती है।

एनटीआर जूनियर का दमदार प्रदर्शन

- Advertisement -

फिल्म में एनटीआर जूनियर ने बेहतरीन अभिनय किया है। उन्होंने केवल अपनी स्टारडम पर भरोसा नहीं किया, बल्कि अपने हर एक्शन और पंच को इतना प्रभावी बनाया कि दर्शक उनकी हर हरकत पर ध्यान केंद्रित कर देते हैं। पहली छमाही में फिल्म की रफ्तार बहुत अच्छी है और कई प्रभावशाली दृश्य हैं जो दर्शकों को बांधे रखते हैं।

महिलाओं के किरदारों की कमजोर भूमिका

- Advertisement -

फिल्म में जान्हवी कपूर (थंगम) का किरदार काफी छोटा है, जहां उनका काम सिर्फ खूबसूरत दिखना और एक गाने में एनटीआर के साथ डांस करना है। वहीं ज़रीना वहाब, जो देवरा की मां की भूमिका में हैं, ने अपने किरदार में गहराई दी है। उन्होंने अपनी शानदार अदाकारी से फिल्म को एक भावनात्मक छूअन दी है, जो कि इस तरह की फ्रैंचाइज़ी फिल्मों में महत्वपूर्ण होती है।

कमज़ोर क्लाइमेक्स और ढीली पकड़

फिल्म की दूसरी छमाही में कहानी कुछ कमजोर हो जाती है। खासकर जब देवरा को ढूंढने पर ज्यादा जोर दिया जाता है, तब कुछ बोरियत महसूस होने लगती है। क्लाइमेक्स में अचानक खत्म हो जाने वाली फाइट भी दर्शकों का ध्यान भटका सकती है। यह फिल्म के दूसरे पार्ट के लिए उतना उत्साह पैदा नहीं करती जितना ‘कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?’ ने किया था।

सैफ अली खान का प्रभावी किरदार

सैफ अली खान ने खलनायक भैरा का किरदार बखूबी निभाया है। एनटीआर जूनियर और सैफ के बीच की फाइट सीक्वेंस फिल्म के मुख्य आकर्षण में से एक है।

संगीत और तकनीकी पहलू

अनिरुद्ध रविचंदर का संगीत फिल्म के साथ अच्छा मेल खाता है, लेकिन कोई भी गाना ऐसा नहीं है जिसे आप थिएटर से बाहर निकलने के बाद गुनगुनाएं।

निष्कर्ष

देवरा पार्ट 1 एक बेहतरीन फिल्म है जो एक्शन, इमोशन और बड़े-बड़े दृश्य पेश करती है। हालांकि, फिल्म का अंत ऐसा नहीं है जो दर्शकों को दूसरे पार्ट के लिए उत्सुक कर सके। एनटीआर जूनियर के फैंस को यह फिल्म जरूर पसंद आएगी, लेकिन अन्य दर्शकों के लिए यह दूसरी किस्त का इंतजार उतना रोमांचक नहीं हो सकता।

Share This Article
x