Stand-up Comedian Kunal Kamra द्वारा Deputy CM Eknath Shinde पर तंज कसने के बाद Maharashtra की राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे पर कई राजनीतिक हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिनमें Samajwadi Party (SP) की सांसद Jaya Bachchan और Shiv Sena (UBT) के नेता भी शामिल हैं।
अब इस विवाद में Jaya Bachchan ने Kunal Kamra की Freedom of Expression का बचाव किया है और Mumbai में उनके शो के स्थान पर हुई तोड़फोड़ की आलोचना की है।
Jaya Bachchan ने उठाए सवाल
Parliament परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान Jaya Bachchan ने देश में Freedom of Expression पर लगाई जा रही पाबंदियों को लेकर सवाल उठाया। Comedy Club में हुई तोड़फोड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा,
“अगर बोलने पर प्रतिबंध है, तो आपका क्या होगा? आप वैसे भी एक बुरी स्थिति में हैं। आपको सिर्फ वही कहने के लिए कहा जाएगा, जो सत्ता पक्ष चाहता है।”
इसके अलावा, उन्होंने सीधे तौर पर Eknath Shinde पर हमला बोलते हुए कहा,
“आपने अपनी असली पार्टी छोड़कर सत्ता के लिए दूसरी पार्टी बना ली। क्या यह Balasaheb Thackeray का अपमान नहीं है?”
Shiv Sena (UBT) के नेता ने किया समर्थन
इस बीच, Shiv Sena (UBT) के सांसद Arvind Sawant ने Kunal Kamra का समर्थन किया और कहा कि उनका हर बयान सही था।
मीडिया से बातचीत के दौरान Arvind Sawant ने कहा,
“जहां तक Kunal Kamra की बात है, मुझे लगता है कि उन्होंने जो भी कहा, वह हर शब्द सच था। विपक्ष भी यही बातें कह रहा है, लेकिन Kamra ने इसे एक कविता के रूप में प्रस्तुत किया। अगर हम खुद को लोकतंत्र मानते हैं, तो हमें इस सच को स्वीकार करना चाहिए।”
Comedy Club में तोड़फोड़, FIR दर्ज
आपको बता दें कि Mumbai के Habitat Comedy Club में हुई इस घटना ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। Shiv Sena (Eknath Shinde) की युवा शाखा के सदस्यों ने एक अन्य Live Show के दौरान कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया, शो को बंद करने के लिए मजबूर किया और सेट को नुकसान पहुंचाया।
हालांकि, Kunal Kamra के बयान और इस तोड़फोड़ को लेकर Shiv Sena की युवा शाखा के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
Police का बयान
Khar Police Station के Sub-Inspector Vijay ने बताया कि Kunal Kamra के Stand-up Special “Naya Bharat” के रिलीज़ होने के बाद इस समूह ने कार्यक्रम स्थल को निशाना बनाया।
Shiv Sena की इस कार्रवाई के बाद Freedom of Expression और विरोध की सीमाओं को लेकर राष्ट्रीय बहस छिड़ गई है।