जुनैद खान ने फिल्म ‘महाराज’ से किया डेब्यू, अनुभव साझा करते हुए बोले – “अगर मैं आमिर खान का बेटा न होता, तो शायद यह फिल्म नहीं मिलती”

Khushboo Parveen
By Khushboo Parveen - Intern 3 Views
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Junaid Khan, Aamir Khan
(Image Source: Social Media Sites)

आमिर खान के बेटे जुनैद खान ने हाल ही में नेटफ्लिक्स इंडिया की फिल्म ‘महाराज’ से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया। NDTV युवा के एक विशेष साक्षात्कार में, जुनैद ने अपनी अब तक की यात्रा के अनुभव साझा किए और ईमानदारी से स्वीकार किया कि अगर वो आमिर खान के बेटे न होते, तो शायद ‘महाराज’ फिल्म उन्हें नहीं मिलती।

जुनैद खान का अनुभव

साक्षात्कार के दौरान जुनैद ने बताया कि उन्होंने ‘लाल सिंह चड्ढा’ के लिए ऑडिशन दिया था। उन्होंने कहा, “कभी-कभी कुछ भूमिकाएं मिल जाती हैं, और कुछ नहीं मिलतीं। ‘महाराज’ से पहले मैंने कई ऑडिशन दिए थे, लेकिन वो नहीं हो पाए। ‘लाल सिंह चड्ढा’ का बजट एक ऐसे स्तर पर था जहां नए अभिनेता को लीड रोल में लेना संभव नहीं था, इसलिए मुझे मौका नहीं मिला।”

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जुनैद ने आगे कहा, “लेकिन मैं ये भी मानता हूं कि अगर मैं आमिर खान का बेटा न होता, तो शायद ‘महाराज’ मुझे नहीं मिलती।” उनकी इस ईमानदारी को दर्शकों ने सराहा और तालियों के साथ स्वागत किया।

फिल्म ‘महाराज’ के बारे में

सिद्धार्थ पी मल्होत्रा द्वारा निर्देशित और यशराज फिल्म्स एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित ‘महाराज’ एक ऐतिहासिक ड्रामा है जो 1862 के महाराज लिबेल केस पर आधारित है। इस फिल्म में जुनैद खान के साथ जयदीप अहलावत और शालिनी पांडे मुख्य भूमिकाओं में हैं, जबकि शर्वरी ने एक विशेष भूमिका निभाई है। यह केस भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण कानूनी मुकदमों में से एक था।

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रिलीज़ से जुड़ा विवाद

‘महाराज’ की रिलीज़ को गुजरात हाई कोर्ट ने अस्थायी रूप से रोक दिया था, जब वैष्णव पुष्टिमार्गी संप्रदाय के सदस्यों ने फिल्म में धार्मिक भावनाओं को लेकर आपत्ति जताई थी। हालांकि, 21 जून को कोर्ट ने फिल्म पर से प्रतिबंध हटा दिया और यह स्पष्ट किया कि फिल्म का उद्देश्य किसी धार्मिक समुदाय को निशाना बनाना नहीं था। उसी दिन, फिल्म को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ कर दिया गया।

निष्कर्ष

जुनैद खान की फिल्म ‘महाराज’ एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना पर आधारित है, और उनके द्वारा साझा किए गए अनुभव दर्शाते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, जुनैद की ईमानदारी और मेहनत इस बात का प्रमाण हैं कि वे अपने दम पर पहचान बनाने के लिए तैयार हैं।

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