अभिनेत्री कृतिका कामरा का मानना है कि लैंगिक भेदभाव (सेक्सिज्म) को खत्म करने में पुरुषों की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है। हाल ही में प्राइम वीडियो के ‘मैत्री: फीमेल फर्स्ट कलेक्टिव’ में अपने विचार साझा करते हुए, कृतिका ने जोर देकर कहा कि पुरुषों को अपनी पुरुष-मित्र मंडली में हो रही गलत बातों का खुलकर विरोध करना चाहिए। उनका मानना है कि इस दिशा में पहला कदम अपने करीबियों के बीच छिपे भेदभाव को उजागर करना है।
पुरुषों को बदलनी होगी सोच
कृतिका कहती हैं, “जब सिर्फ लड़के होते हैं—बॉयज लॉकर रूम की बातें, मस्ती-मजाक या महिलाओं के बारे में उनकी सोच—इन सबको बदलने की ज़रूरत है। पुरुषों को इन जगहों पर सेक्सिज्म, महिलाओं का वस्तुकरण और गंदी बातें खत्म करनी होंगी।” उनका कहना है कि यह सिर्फ महिलाओं का नहीं, बल्कि पुरुषों का भी काम है कि वे अपने दोस्तों को गलत बातें करने से रोकें।
उन्होंने आगे कहा, “तारीफ और वस्तुकरण के बीच एक बारीक रेखा होती है। अगर पुरुष अपने दोस्तों को बिना झिझक टोके, तो इससे समाज में एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।”
कृतिका का दमदार अभिनय और नए प्रोजेक्ट्स
कृतिका कामरा ने अपने अभिनय से टीवी, ओटीटी और फिल्मों में एक खास जगह बनाई है। उनकी हालिया सीरीज ‘ग्यारह ग्यारह’, जो ZEE5 पर रिलीज हुई थी, दक्षिण कोरियाई हिट ड्रामा ‘सिग्नल’ का हिंदी रीमेक है। इसके अलावा, वह जल्द ही नागराज मंजुले की ओटीटी सीरीज ‘मटका किंग’ में नजर आएंगी। नागराज मंजुले, जो ‘सैराट’ और ‘फैंड्री’ जैसी हिट मराठी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, हिंदी सिनेमा में भी अपनी धाक जमा चुके हैं।
कृतिका इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे नागराज मंजुले जैसे निर्देशक के साथ काम करने का मौका मिलेगा। वह पहले मराठी फिल्में बना रहे थे और मैं मराठी नहीं बोलती, इसलिए यह मेरे लिए संभव नहीं लगता था। लेकिन जब मुझे यह अवसर मिला, तो मैंने तुरंत इसे अपनाया।”