World Rose Day: रानी मुखर्जी ने कैंसर पीड़ित बच्चों के साथ मनाया वर्ल्ड रोज़ डे, बोलीं- मैं भी एक मां हूं…

कैंसर पीड़ित बच्चों के साथ रानी मुखर्जी का खास जश्न

By Savitri Mehta - News Writer 7 Views
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(Image Source: Social Media Sites)

बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) ने कैंसर मरीजों की मदद करने वाले संगठन ‘कैंसर पेशेंट्स एड एसोसिएशन (Cancer Patients Aid Association)‘ द्वारा आयोजित एक भावनात्मक कार्यक्रम में कैंसर से जूझ रहे बच्चों के साथ वर्ल्ड रोज़ डे मनाया। इस प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेत्री ने बच्चों को गुलाब और उपहार बांटकर इस महत्वपूर्ण उद्देश्य का समर्थन किया।

बच्चों के साथ बांटी खुशियां और बढ़ाया हौसला

इस कार्यक्रम के दौरान, रानी मुखर्जी ने बच्चों से संवाद किया, उन्हें प्रोत्साहित किया और उनका हौसला बढ़ाया। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण था बच्चों के साथ बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर एक ओपन बस की सवारी, जो कैंसर प्रभावित लोगों के सम्मान में लाल रोशनी से जगमगा रही थी। रानी और बच्चों ने मिलकर आसमान में लाल और सफेद गुब्बारे छोड़े, जिससे एक खास एकजुटता का पल बना। इस पहल ने न केवल बच्चों को खुशी दी, बल्कि कैंसर से लड़ने वाले लोगों के लिए जागरूकता भी बढ़ाई।

‘आप सभी छोटे फरिश्तों के जैसे हैं’: रानी मुखर्जी

कार्यक्रम में रानी मुखर्जी ने कहा, “बच्चे रोज़ डे की टी-शर्ट और मिलते-जुलते कैप्स में बहुत प्यारे लग रहे हैं। मैं आप सबके साथ समय बिताकर बेहद खुश हूं। मुझे यहां बुलाने के लिए आपका बहुत धन्यवाद। आप सभी छोटे फरिश्तों के जैसे हैं। मैं यहां मौजूद सभी माता-पिता से कहना चाहती हूं कि आपके सहयोग के बिना आपके बच्चे इस लड़ाई को नहीं लड़ पाते। मैं आप सभी को सलाम करती हूं।”

उन्होंने आगे कहा, “कृपया अपने बच्चों के लिए मजबूत बने रहें। मैं भी एक मां हूं और समझती हूं कि केवल हमारा प्यार और समर्थन ही हमारे बच्चों को इस लड़ाई को जीतने की ताकत दे सकता है। मेरी प्रार्थनाएं आप सभी के साथ हैं और मैं यहां आने के लिए अत्यधिक आभारी हूं, विशेष रूप से इन अद्भुत बच्चों के साथ। मैं बहुत अभिभूत और विनम्र महसूस कर रही हूं। एक बार फिर से धन्यवाद, मुझे यहां आमंत्रित करने और मेरे दिन को खास बनाने के लिए।”

वर्ल्ड रोज़ डे: कैंसर पीड़ितों के साथ एकजुटता का प्रतीक

वर्ल्ड रोज़ डे हर साल 22 सितंबर को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और कैंसर पीड़ितों तथा उनके परिवारों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है। इस महत्वपूर्ण दिन की शुरुआत 2000 में 12 वर्षीय मेलिंडा रोज़ (Melinda Rose) द्वारा की गई थी, जिन्होंने टर्मिनल कैंसर से बहादुरी से लड़ाई लड़ी। इस दिन का उद्देश्य कैंसर से लड़ने वाले बच्चों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और समर्थन व्यक्त करना है।

इस तरह के आयोजन न केवल कैंसर पीड़ितों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं बल्कि समाज में जागरूकता और एकजुटता का संदेश भी फैलाते हैं।

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