बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अभिनेत्री श्रद्धा श्रीनाथ ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने अब तक के सफर और अनुभवों के बारे में बात की। उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न और शोषण के मामलों पर आधारित हेमा समिति की रिपोर्ट का जिक्र किया। श्रद्धा ने बताया कि उनका अनुभव सुरक्षित रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य लोग इसी तरह के अनुभव से गुजर रहे हैं।
“मैं सुरक्षित रही, लेकिन हर कोई नहीं”
श्रद्धा श्रीनाथ ने कन्नड़, मलयालम, तेलुगु, तमिल और हिंदी फिल्मों में काम किया है। उन्होंने कहा, “मेरा अनुभव सुरक्षित रहा है, लेकिन मैंने अपने कार्यक्षेत्र के बाहर असुरक्षा महसूस की है, खासकर तब से जब मैं आठ साल की थी। मैं भाग्यशाली रही कि मुझे इंडस्ट्री में किसी तरह के उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बाकी लोग इस समस्या से दूर हैं।”
उन्होंने इंडस्ट्री में महिलाओं की सुरक्षा और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी पर भी चिंता जताई। “फिल्म इंडस्ट्री में न केवल यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक निवारण प्रणाली की जरूरत है, बल्कि सेट पर महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए। हमें एक संगठित संस्था चाहिए, जो इस तरह के मुद्दों को देखे। छोटे-छोटे बदलाव भी मदद कर सकते हैं, जैसे साड़ी ड्रैपर और हेयर स्टाइलिस्ट के लिए शौचालय की सुविधा,” श्रद्धा ने कहा।
आगामी प्रोजेक्ट्स
श्रद्धा श्रीनाथ ने 2015 में मलयालम फिल्म ‘कोहिनूर’ से अपने करियर की शुरुआत की थी और इसके बाद उन्होंने ‘यू-टर्न’, ‘विक्रम वेधा’ और ‘जर्सी’ जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से पहचान बनाई। हाल ही में श्रद्धा तेलुगु फिल्म ‘सैंधव’ में नजर आई थीं, जो इस साल जनवरी में रिलीज हुई थी, हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। श्रद्धा की आने वाली फिल्मों में हिंदी फिल्म ‘लेटर्स टू मिस्टर खन्ना’, तमिल फिल्म ‘कलियुगम’, और तेलुगु फिल्म ‘मेकैनिक रॉकी’ शामिल हैं।