Oscars में एंट्री के साथ ही ‘Laapataa Ladies’ को लेकर बवाल, सोशल मीडिया पर फेडरेशन हो रहा ट्रोल

‘Laapataa Ladies’ की ऑस्कर्स 2025 के लिए नॉमिनेशन के बाद सोशल मीडिया पर विवाद, फेडरेशन पर भारतीय महिलाओं के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

By Savitri Mehta - News Writer 3 Views
3 Min Read
(Image Source: Social Media Sites)

‘Laapataa Ladies’ in Oscars 2025: फिल्म ‘Laapataa Ladies’ को ऑस्कर्स 2025 के लिए भारत की तरफ से आधिकारिक रूप से नॉमिनेट कर दिया गया है। किरण राव (Kiran Rao) के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म ने कई बड़ी फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए अपनी जगह बनाई है। हालांकि, इस खबर के बाद जहां कुछ लोग फिल्म के मेकर्स को बधाई दे रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर इसे लेकर एक बड़ा विवाद भी खड़ा हो गया है। आइए जानते हैं कि आखिर किस वजह से फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (Film Federation of India) को ट्रोल किया जा रहा है।

फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया पर लगे आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप

फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से ‘Laapataa Ladies’ को नॉमिनेट करने के बाद फेडरेशन को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। फेडरेशन ने एक दस्तावेज जारी किया जिसमें भारतीय महिलाओं के लिए ‘सबमिशन और डॉमिनेंस का मिश्रण’ जैसी बातें कही गई हैं। सोशल मीडिया पर इस टिप्पणी को आपत्तिजनक बताया जा रहा है और इसे लेकर फेडरेशन की तीखी आलोचना हो रही है।

भारतीय महिलाओं पर टिप्पणी ने मचाया बवाल

फेडरेशन के दस्तावेज में लिखी गई टिप्पणी को लेकर कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर आपत्ति जताई है। कुछ का कहना है कि इस तरह की भाषा न सिर्फ अपमानजनक है बल्कि यह समाज में गलत संदेश भी देती है। फेडरेशन की चयन समिति में सभी 13 सदस्य पुरुष हैं, जिसे लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यूजर्स का मानना है कि इस चयन प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी भी होनी चाहिए थी, ताकि ऐसे विवादों से बचा जा सके।

सोशल मीडिया पर फेडरेशन को किया गया ट्रोल

फेडरेशन की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक यूजर ने लिखा, “शायद ये ChatGPT ने लिखा है।” वहीं, एक अन्य यूजर का कहना था, “मैंने फिल्म नहीं देखी लेकिन इतना तो पता है कि फिल्म ऐसा कोई मैसेज नहीं देती।” इन टिप्पणियों के जरिए यूजर्स फेडरेशन पर तंज कसते नजर आ रहे हैं।

फिल्म की कहानी पर एक नजर

‘Laapataa Ladies’ की कहानी दो गांव की दुल्हनों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनके सपने अलग होते हैं, लेकिन एक गलती के कारण वे रेलवे स्टेशन पर एक-दूसरे के साथ बदल जाती हैं। इस घटना से उनकी और उनके आसपास के लोगों की जिंदगी अजीब और हास्यास्पद स्थिति में फंस जाती है। फिल्म का कथानक दर्शकों को हंसी और भावनाओं का अनोखा संगम प्रदान करता है।

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